रघुनंदन शर्मा। कांग्रेस उपाध्यक्ष श्री राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री की आड़ में भूमि अधिग्रहण संशोधन का विरोध कांग्रेस के गले की फांस बन गया है। कांग्रेसी स्वयं मान रहे हैं कि बारह वर्षों से जिस तरह कांग्रेस ने श्री नरेंद्र मोदी का विरोध किया और मोदी जी ने सहिष्णुता का परिचय दिया श्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता दिन दोगुनी बढ़ी और कांग्रेस सिमटती चली गई।
भूमि अधिग्रहण कानून 2013 जिस हड़बड़ी में बनाया गया था उसमें तमाम विसंगतियों की ओर तत्कालीन ग्रामीण विकास मंत्री का ध्यान आकर्षित किया गया था। सिंचाई, नहर, जलाशय के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया था। ग्रामीण विकास का ढांचागत विकास को भी शून्य कर दिया गया था।
भूमि अधिग्रहण संषोधन में इसे शामिल कर खेतों की चिंता कर नयी दिशा दी गयी, साथ ही जिन 13 कानूनों में किसानों को मुआवजा की पर्याप्त गुजाईश नहीं थी अब चार गुना मुआवजा का प्रावधान किया गया है। कांग्रेस ने जो दुष्प्रचार किया उसकी पोल भी खुल गयी है। उद्योगों के लिए सरकार भूमि अधिग्रहण में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी। उन्हें किसानों की सहमति से ही जमीन मिलेगी। सामाजिक सर्वेक्षण भी इस पर लागू रहेगा। जमीन जिस उद्योग को दी जायेगी यदि नहीं लगा तो किसान का हक लागू हो जायेगा। लेकिन कांग्रेस जबरदस्ती आम जनता को गुमराह कर रही है जिससे कांग्रेस की साख को बट्टा लगा रहा है।
कांग्रेस न स्वयं अपनी उथली सोच और विचार शून्यता की पोल खोली है। सूप बोले तो बोले चलनी के बोलने की कहावत कांग्रेस चरितार्थ कर रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने गत ग्यारह माह में देश को नई ऊर्जा और सकारात्मक सोच दी है। जिससे भारत की गणना विश्व के शक्तिशाली, विकासशील देशो में हो गई है। आम भारतवासी का सीना इस उपलब्धि से चौड़ा हुआ है। मंहगाई और भ्रष्टाचार के विरूद्ध मुहिम ने जनता को राहत पहुंची है जिससे दुनिया में भारत का सम्मान बढ़ा है। राहुल बाबा को यदि यह रास नहीं आ रहा है तो उनकी हीनग्रंथि का परिचायक है।
- लेखक श्री रघुनंदन शर्मा भारतीय जनता पार्टी मप्र के प्रदेश उपाध्यक्ष हैं।