भिंड। व्यापमं और डीएड की फर्जी मार्क्सशीट के सहारे संविदा शिक्षक की नौकरी हासिल करने वालों पर कार्रवाई का मामला अधर में अटका है। एडीएम पीके श्रीवास्तव फरवरी माह में 24 शिक्षकों की बर्खास्तगी वाली फाइल कलेक्टर के पास दे चुके हैं, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं हुई।
इतना ही नहीं तत्कालीन कलेक्टर मधुकर आग्नेय के समय शुरू हुई जिलेभर के शिक्षक फर्जीवाड़े की जांच भी पिछले 1 साल में पूरी नहीं हो सकी है। ऐसे में फर्जीवाड़े में शामिल लोग अभी भी नौकरी कर रहे हैं।
फर्जीवाड़े में लिप्त 7 शिक्षकों के नाम एडीएम पीके श्रीवास्तव ने भेजे थे, जबकि तत्कालीन डीईओ गोपाल सिंह भदौरिया ने 17 शिक्षकों के नाम भेजे थे, जिनमें प्रमिला चौहान प्रावि विश्वारी, नागेंद्र सिंह हाईस्कूल मटियावली बुजुर्ग, शिल्पी गुप्ता हाईस्कूल बोनापुरा, चंद्रप्रकाश सुमन मावि परसाना, अविनाश शर्मा प्रावि रायपुरा, घनश्याम लवबंशी कन्या प्रावि पढ़ौरा, मशलम खान, कन्या प्रावि गोरई, आनंद त्रिपाठी मावि रेंवजा, मुनेंद्र बाबू शुक्ला मावि ढिमोले की मढ़ैयन, मनीष तिवारी मावि गांध, रामप्रसाद सिंह मावि विरौना, हरिओम शर्मा प्रावि रओ के नाम तत्कालीन डीईओ की ओर से भेजे गए थे। श्री भदौरिया की ओर से बताया गया था कि इन शिक्षकों ने नौकरी के लिए डीएड-बीएड की ऐसी मार्क्सशीट लगाई, जिन्हें मान्यता नहीं है।
फर्जीवाड़े में 500 से ज्यादा शिक्षक
जिले में वर्ष 2006,2009,2011 में संविदा शाला शिक्षक भर्ती में फर्जी डीएड-बीएड की मार्क्सशीट लगाकर नौकरी हासिल की है। जिले में करीब 500 शिक्षक हैं, जो फर्जीवाड़े से शिक्षक बने हैं। इनकी जांच कर बर्खास्त करने की कार्रवाई 3 फरवरी 2014 से चल रही है, लेकिन न तो जांच पूरी हो सकी है और न ही इन पर कोई निर्णय लिया गया है।
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