सरकारी स्कूल से बने कलेक्टर, मोदी ने माना लोहा

कोटा। झालावाड़ के छोटे से गांव उन्हैल के सरकारी स्कूल से पढ़कर निकले डॉ. विक्रांत पांडे को प्रधानमंत्री ने एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया है। उन्हें यह अवार्ड 21 अप्रैल को सिविल सर्विसेज डे पर दिल्ली में आयोजित समारोह में दिया गया।

डॉ.विक्रांत इस समय गुजरात के भरूच में कलेक्टर हैं। उन्होंने आदिवासी बहुल वलसाड जिले का कलेक्टर रहते हुए गरीब भूमिहीन आदिवासियों को जमीन का मालिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके लिए उन्होंने संवेदना अभियान चलाया। उन्होंने लगभग 17 हजार आदिवासियों को खेती के जमीन वितरित कराई।

उन्हैल में 8वीं तक पढ़ने के बाद डॉ. विक्रांत ने बकानी के सरकारी स्कूल से 12वीं तक पढ़ाई की। उनके पिता पुरुषोत्तम शर्मा झालावाड़ में सरकारी शिक्षक थे। इसके बाद वह अपनी मां के साथ मेडिकल की तैयारी करने कोटा आ गए। वह पहले ही प्रयास में सिलेक्ट हो गए। जोधपुर मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई के दौरान सेकंड ईयर में उन्हें 2 गोल्ड मेडल और फाइनल में 4 गोल्ड मेडल मिले। इसके बाद वह आईएएस में पहले ही प्रयास में सिलेक्ट हुए। वह राष्ट्रपति अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं।

आदिवासी परिवारों को खेत मालिक बनाया
वलसाड का कलेक्टर रहते हुए डॉ. विक्रांत ने संवेदना अभियान चलाया। इसके तहत 17 हजार 204 आदिवासी परिवारों को 5 हजार हैक्टेयर वन भूमि वितरित कराई। इस भूमि को नहरी तंत्र से जोड़ा और कृषि उपज को बाजार तक पहुंचाने की व्यवस्था की। इस अभियान के पहले जिले में प्रति व्यक्ति आय 30 हजार रुपए थी, जो अब बढ़कर 2 लाख हो गई है।

मैं छोटे से गांव में हिंदी माध्यम से पढ़ा। जो भी सीखा गांव से ही सीखा। जहां भी रहूंगा गरीबों के लिए प्रशासनिक स्तर पर कुछ नए काम करता रहूंगा।
डॉ. विक्रांत पांडे, कलेक्टर भरूच
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