नईदिल्ली। कोई भी महिला अपनी मौजूदगी में अपने पति को किसी और के साथ शारीरिक संबंध नहीं बनाने देगी। पत्नी की मौजूदगी में अपनी विधवा भाभी से रेप के आरोपी व्यक्ति को बरी करते हुए अदालत ने यह टिप्पणी की। आरोपी को रेप और धमकाने के आरोपों से बरी करते हुए अडिशनल सेशन जज संजीव जैन ने कहा, ऐसा संभव नहीं लगता कि आरोपी की पत्नी कथित रेप के वक्त महिला का मुंह दबाए रखेगी। इस दुनिया में कोई भी पत्नी अपनी मौजूदगी में अपने पति को किसी और महिला से शारीरिक संबंध नहीं बनाने देगी और न ही वह ऐसा पसंद करेगी।
अदालत ने शिकायतकर्ता के इस दावे को भी मानने से इनकार कर दिया कि जब आरोपी उससे रेप कर रहा था, उस वक्त उसकी सास ने उसे बांध रखा था। अदालत ने कहा, इस बात की संभावना कतई नहीं है कि करीब 78 साल की बुजुर्ग एक महिला के हाथ-पांव इसलिए बांधेगी, ताकि उसका बेटा उस महिला से शारीरिक संबंध बना सके। एएसजे ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला और उसके ससुराल के लोगों के बीच संपत्ति को लेकर विवाद था, इसलिए इस मामले में आरोपी को गलत तरीके से फंसाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। अदालत ने शिकायतकर्ता के बयान को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह विरोधाभासों से भरा है, जिससे यह मामला बहुत ज्यादा संदिग्ध हो गया है।
अभियोजन के मुताबिक, महिला ने दिसंबर-2010 में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि उसके पति की मौत के बाद उसके ससुराल के लोग वह मकान हथियाना चाहते थे, जो उसके नाम पर था। शिकायत में कहा गया कि एक बार तो उसके देवर ने कथित तौर पर उससे रेप भी किया।