भोपाल। इन दिनों मंत्रियों को विवादास्पद बयान देने की आदत सी पड़ती जा रही है। मप्र के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री विजय शाह ने कहा है कि बारिश से फसलों को बचाने के लिए छाता तो नहीं लगा सकते। बेमौसम बारिश में सरकार क्या कर सकती है।
मध्य प्रदेश में पिछले दो दिनों से हुई बारिश की वजह से मंडियों व खरीदी केंद्रों पर खुले में रखी फसल बड़े पैमाने पर भीग गई हैं। खरीदी केन्द्रों पर फसलों को बचाने के लिए टीनशेड और दूसरी व्यवस्थाओं की मांग की जा रही है लेकिन मंत्री के दो टूक के बाद सरकार की स्थिति साफ होती दिखाई दे रही है कि वो इस दिशा में कुछ नहीं करने वाली।
राज्य की राजधानी भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, होशंगाबाद सहित विभिन्न हिस्सों में दो दिनों से जारी बारिश ने किसानों पर एक बार फिर प्रहार कर दिया है। पिछले माह की बारिश से अभी किसान उबर ही नहीं पाए थे कि एक बार फिर बारिश हो रही है। मंडियों से लेकर किसानों के खलिहानों तक में रखी फसल भीग गई है।
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री शाह ने सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि इस मौसम में हो रही बारिश से समर्थन मूल्य पर खरीदी जा रही फसल भीग रही है। वहीं किसान की रखी फसल भी प्रभावित हो रही है। राज्य में 80 लाख टन गेहूं की खरीदी की जानी है। इसे बचाने के लिए छाता तो लगाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश से हुए नुकसान से वे भी दुखी हैं, मगर क्या कर सकते हैं। किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी। अंत में संवाददाताओं से वे प्रतिप्रश्न करने से भी नहीं चूके और कहा कि अगर आप मंत्री होते तो क्या करते?
प्रतिक्रिया: अच्छा है शाह साहब सीएम नहीं हैं, अन्यथा हर मामले में हाथ खड़े कर देते। बाढ़ में डूबते लोगों को बचाने के प्रबंध पर बोलते कि अब हर पर्यटक के साथ नाव तो नहीं भेज सकते, बलात्कार के मामलो में कहते कि अब हर महिला को सिक्योरिटी तो नहीं दे सकते। अजीब हैं इस सरकार के मंत्री और अजीब हैं शिवराज जो इन्हें मंत्रीमण्डल में बनाए रखते हैं। केन्द्रों पर तिरपाल की व्यवस्था करना कोई बहुत मंहगा काम नहीं है, लेकिन मंत्रीजी को तो रास्ते सूझ ही नहीं रहे।
