भोपाल। 18 वर्ष से कम आयुवर्ग के लड़के इश्क मुश्क के चक्करों में पड़ते हैं, डिप्रेशन में आत्महत्याएं भी कर लेते हैं, चोरियां उनकी आदत हो सकती है और कभी कभी हत्याएं भी कर लेते हैं परंतु क्या आप सोच सकते हैं कि किसी प्रदेश के कुल बलात्कार के आरोपियों का 7 प्रतिशत नाबालिग होंगे। मप्र में 460 ऐसे नाबालिग लड़के हैं जिनके खिलाफ रेप के मामले दर्ज हुए हैं।
2013 में प्रदेश में 4511 पीड़िताओं की अस्मत लूटी गई है। इस शर्मनाक घटनाओं को अंजाम देने वाले 6284 अरोपियों पर मामले दर्ज हुए हैं। जानकर हैरानी होगी कि ऐसा करने वालों में 6 हजार 284 अपराधियों में 460 नाबालिग अपराधी है।
यह खुलासा प्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा ने एक सर्वे में किया है। सर्वे 2013 में कराया गया था। इसके मुताबिक अस्मत की धज्जियां उड़ानें में नाबालिग पहले स्थान पर हैं। मोबाइल और इंटरनेट की क्रांति ने जहां लोगों के लिए सहुलियतें पैदा की हैं, वहीं यह क्रांति नौनिहालों के लिए अभिशाप साबित हो रही है।
पढ़ने लिखने की उम्र में दिन-रात इंटरनेट पर जुड़ रहे नौनिहाल अब चोरी छुपे अश्लीलता का दामन थाम रहे हैं। यह कारण है कि बीते कुछ सालों में छेड़छाड़ और ज्यादती जैसी शर्मनाक घटनाओं में नौनिहालों की संलिप्तता में इजाफा देखने को मिल रहा है।
देश की राजधानी को शर्मसार करने वाला दिल्ली का बहुचर्चित निर्भयाकांड हो या फिर प्रदेश में बढ़ते ज्यादती के मामले। पिछले दिनों महिला अपराध पर हुए प्रदेश पुलिस के एक सर्वे में चौंकाने वाले आंकड़े उभरकर सामने आए हैं। प्रदेश पुलिस की महिला अपराध शाखा द्वारा 2013 में कराए गए इस सर्वे के मुताबिक सूबे में 4511 पीड़िताआें की अस्मत लूटी गई। इन शर्मनाक घटनाओं को अंजाम देने वाले 6284 आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किए गए।
