ग्वालियर। कलेक्टर के एक निर्णय ने प्राइवेट स्कूल संचालकों में संदेश साफ कर दिया है कि अब ना तो मनमानी चलेगी और ना ही दादगिरी। जांच के दौरान कर्मचारियों को धमकाने वाले Rishi Galav Public School संचालक के खिलाफ बुधवार को दो विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज कराई। इसके साथ ही हाउसिंग बोर्ड से स्कूल को मिली लीज और स्कूल संचालक के बंदूक लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की।
कलेक्टर कोर्ट द्वारा मनमानी करने वाले किसी स्कूल प्रबंधन के खिलाफ की गई यह अब तक की पहली बड़ी कार्रवाई है। इस कार्रवाई के एक दिन पहले जांच करने पहुंची शिक्षा विभाग की टीम के साथ स्कूल प्रबंधन ने अभद्र व्यवहार किया था और कलेक्टर के आदेश को मानने से भी इनकार कर दिया था।
इसके बाद बुधवार को स्कूल प्रबंधन की सुनवाई कलेक्टर न्यायालय में हुई। न्यायालय में जब स्कूल प्रबंधन की ओर से पेश हुए प्रतिनिधि ने अपनी गलती को मानने और आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद स्कूल स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और 353 के तहत प्रकरण दर्ज किया गया।
वहीं कलेक्टर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इस स्कूल संचालक के खिलाफ पहले भी एफआईआर दर्ज कराई जा चुकी है। एसएसपी को संचालक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा जा चुका है। स्कूल संचालक के व्यवहार से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर खराब प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए वह विद्यालय चलाने के योग्य नहीं है।
इन कारणों से दर्ज हुई एफआईआर
जांच दल का सहयोग न करना।
सरकारी अधिकारी-कर्मचारी के साथ अभद्र व्यवहार करना और सरकारी काम में व्यवधान डालना।
कलेक्टर के आदेश का पालन न करना।
करीब 20 करोड़ की जमीन की लीज हुई निरस्त
प्रॉपर्टी के बिजनेस से जुड़े जानकारों के अनुसार दीनदयाल नगर में ऋषि गालव स्कूल को 44 हजार वर्गफीट जमीन हाउसिंग बोर्ड से लीज पर मिली थी। वर्तमान समय में इसका बाजार मूल्य लगभग 20 करोड़ रुपए है।
निकल गई अकड़ा, माफी मांगने पहुंचा संचालक
कलेक्टर के निर्देशों को गंभीरता से नहीं लेने वाले स्कूल संचालक को जब पता चला कि उसके खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है तो वह शाम 7 बजे लिखित में माफीनामा लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच, लेकिन कलेक्टर ने नियमानुसार कार्रवाई की।
मान्यता भी होगी निरस्त
कलेक्टर ने डीईओ मोहर सिंह सिकरवार को स्कूल की मान्यता निरस्त कराने के आदेश भी जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि स्कूल संचालक का रवैया स्कूल चलाने योग्य नहीं है। स्कूल संचालक के रवैये और स्कूल द्वारा की जा रही मनमानी का असर छात्रों पर पड़ रहा है। इसलिए छात्रों को तत्काल रूप से किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन दिलाने की प्रक्रिया शुरू कराई जाए। मान्यता निरस्त कराने के लिए डीईओ सीबीएसई को कलेक्टर कोर्ट की कार्रवाई का पत्र भेजें।
स्कूल प्रबंधन के खिलाफ छात्रों को प्रताड़ित करने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। पूर्व में भी स्कूल संचालक ने 70 बच्चों को फीस के लिए धूप में खड़ा किया था। कई बार चेतावनी के बावजूद स्कूल प्रबंधन का रवैया नहीं सुधरा। वहीं स्कूल संचालक के व्यवहार से छात्रों को नुकसान पहुंचने की आशंका है। इसलिए उसका बंदूक लाइसेंस भी निरस्त किया है।
पी.नरहरि, कलेक्टर, ग्वालियर
