भोपाल। वर्षा, ओला पीड़ित किसानों को सिंचाई जल देने के लिए ओंकारेश्वर जलाशय का जल-स्तर बढ़ाने का विरोध कर रहे लोगों से नर्मदा घाटी विकास राज्य मंत्री श्री लालसिंह आर्य ने जलाशय से बाहर आने का कहा है। श्री आर्य ने कहा है कि चर्चा के लिए प्रदेश सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हुए हैं। खंडवा जिले में ओंकारेश्वर जलाशय का जल-स्तर बढ़ाने के विरोध में लगभग एक दर्जन लोग जलाशय किनारे पानी में खड़े हुए हैं।
श्री आर्य ने कहा कि जलाशय के 191 मीटर स्तर से कोई घर, गॉव, आवादी, डूब के खतरे में नहीं होने के बावजूद जल-स्तर घटाने की कुछ लोगों की मांग समझ से परे है।
श्री आर्य ने कहा है कि ओंकारेश्वर जलाशय की डूब से 6,329 परिवार डूब प्रभावित हुए। डूब प्रभावित परिवारों को पुनर्वास नीति के प्रावधानों के अनुसार मुआवजे और अन्य मदों में 153 करोड़ 4 लाख 19 हजार की राशि वितरित की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने डूब प्रभावित परिवारों के लिए अतिरिक्त रूप से 225 करोड़ का विशेष पैकेज वर्ष 2012 में स्वीकृत किया था। विस्थापित परिवारों को पुनर्वास स्थलों पर 5400 वर्गफीट के आवासीय भूखंड निःशुल्क दिये गये हैं। भूखंड नहीं लेने वाले परिवार को भूखंड के बदले रूपये 50 हजार लेने की पात्रता है। डूब प्रभावित भूमिहीन परिवारों को भी 2 लाख 50 हजार रूपये दिये गये है। भूमि के बदले भूमि चाहने वाले 215 परिवार को भूमि बेंक से 430 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि आवंटित की गई है।
श्री आर्य ने कहा कि परियोजना की बायीं नहर कमांड क्षेत्र के किसान लंबे समय से नहर में जल प्रवाह की मांग करते रहे हैं। वर्षा/ओला की मार से गंभीर संकट में आए किसानों को सिंचाई जल उपलब्ध करवाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिंचाई से 28 हजार किसान गर्मी की फसल लेकर अपने नुकसान की भरपाई कर सकेंगे। इस सिंचाई से 1 लाख हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। गर्मी फसल के रूप में 3 लाख क्विंटल कपास, 4 लाख क्विंटल मिर्ची और 1 लाख 60 हजार क्विंटल मूंग सहित बड़ी मात्रा में सब्जियों का उत्पादन अनुमानित है।