कोलकाता। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने विश्र्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगडि़या के राज्य में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यदि तोगडि़या बंगाल में जल-थल या वायु मार्ग से भी प्रवेश करते हैं तो उनको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से ऐसा निर्देश सभी जिला प्रशासन को भेजा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि तोगडि़या तीन अप्रैल को कोलकाता आ रहे हैं। राज्य सरकार का मानना है कि प्रवीण तोगडि़या अगर बंगाल में प्रवेश करते हैं तो यहां सांप्रदायिक स्थिति खराब हो सकती है और राज्य में अशांति का माहौल पैदा हो सकता है। ज्ञात हो कि कुछ माह पहले बीरभूम जिले के रामपुरहाट में ईसाई धर्म का पालन करनेवाले आदिवासी समुदाय के लोगों का धर्मातरण कराया गया था। इस संबंध में बीरभूम जिले के रामपुरहाट थाने में तोगडि़या समेत कई और विहिप नेता के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई थी।
अब गृह विभाग की ओर से सभी जिला प्रशासन के साथ ही थानों को भी परिपत्र भेज कर निर्देश दिया जा रहा है कि तोगडि़या के प्रवेश को रोका जाए। प्रवेश पर रोक ममता का राजनीतिक हथकंडा: विपक्ष निकाय चुनाव के पहले गृह विभाग द्वारा इस तरह की विज्ञप्ति जारी करने को राजनीतिक हथकंडा माना जा रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अब्दुल मन्नान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की कमर में रस्सा बांधकर गिरफ्तार करने की बात कही थी।
अब निकाय चुनाव में उन्होंने प्रवीण तोगडि़या को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री दोहरी राजनीति करती हैं। माकपा के वरिष्ठ नेता व सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि प्रवीण तोगडि़या इससे पहले राज्य में मोहन भागवत के साथ शहीद मीनार में सभा कर चुके हैं। राज्य में जब तक प्रवीण तोगडि़या को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता है, तब तक मुख्यमंत्री बनर्जी की कथनी व करनी पर भरोसा नहीं किया जा सकता। भाजपा सांसद एसएस आहलूवालिया ने कहा कि प्रवीण तोगडि़या को राज्य में प्रवेश करने पर इस तरह गिरफ्तार करने का आदेश देना उचित नहीं है।