कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विवि के पैरामेडिकल विभाग के कर्मचारी हरिलाल की सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए उसके इकलौते बेटे ने ही आठ माह पूर्व पिता को मौत के घाट उतारा था। आरोपी ने पहले चाकू खरीदे फिर धोखे से गंगा बैराज पर ले जाकर दोस्त के साथ मिलकर पिता को चाकुओं से गोद डाला।
पुलिस ने सोमवार को घटना का राजफाश कर आरोपी पुत्र व उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया। एसएसपी शलभ माथुर के अनुसार हरिलाल एफएम कालोनी में बेटे रणवीर और पत्नी उर्मिला के साथ रहता था। शराब का लती हरिलाल का शुक्लागंज निवासी एक महिला से अवैध संबंध थे। इसको लेकर बाप बेटे में आए दिन कलह होती थी। वह परिवार के सदस्यों को आर्थिक रूप से परेशान करता था।
इस पर बाप बेटे में संबंध खराब हो गये थे। रणवीर को उसके मित्रों ने सलाह दी थी कि यदि वह पिता को रास्ते से हटा दे तो घर में कलह भी नहीं होगी और उसे सरकारी नौकरी भी मिल जाएगी। जिसके बाद उसने ग्वालटोली निवासी अपने मित्र निखिल कनौजिया के साथ मिलकर बाप को ठिकाने लगाने की योजना बनाई। तीन अगस्त को दो चाकू खरीदकर पांच अगस्त की शाम वह पिता को गंगा बैराज घूमने के बहाने लेकर गया। वहां उसका साथी निखिल पहले से ही मौजूद था। जब तक हरिलाल कुछ समझ पाता तब तक दोनों ने मिलकर उसपर चाकुओं से हमला बोल मौत के घाट उतार दिया।
दोनों ने चाकू पहले से ही घटनास्थल पर छिपा कर रखे थे। एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के पास से घटना में प्रयुक्त एक मोटर साइकिल और तीन मोबाइल बरामद किए गये हैं। दोनों को जेल भेज दिया गया है। मौत की पुष्टि के लिए रेता गला हरिलाल जब अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा तो आरोपियों ने उसके शरीर पर अनगिनत वार किए। कहीं पिता जिंदा तो नहीं रह गया है इसकी पुष्टि के लिए अंत में रणवीर ने चाकू से उसका गला रेत डाला।
घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने खून से सने चाकू गंगा नदी में फेंक दिए और फिर निखिल अपने घर चला गया और रणवीर घर में आकर सो गया। रणवीर ने बताया कि वह पहले पिता को जहर देकर मारना चाहता था, लेकिन उसमें शत प्रतिशत सफलता नहीं थी। उसके बाद सोचा कि क्यों न भाड़े के हत्यारों से पिता की हत्या करवा दी जाए, लेकिन इसके लिए रुपये न होने पर खुद ही घटना को अंजाम दिया।
