भोपाल। बाल विवाह के विरुद्ध सरकार सख्त है। नाबालिग की शादी कराने वाले पंडित, हलवाई, टैंटवाले और बैंडवाले को गिरफ्तार कर लिया जाएगा, लेकिन यदि कोई डॉक्टर किसी नाबालिग लड़की का फर्जी आयु प्रमाण पत्र जारी कर दे तो क्या कर लेगी सरकार ?
सवाल इसलिए क्योंकि ऐसा हो गया है। शिवपुरी जिले रूपेपुरा गांव में रहने वाली निराशा पुत्री पर्वत सिंह लोधी, का 21 अप्रैल को होने वाले मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन के लिए पंजीयन क्रमांक 42 पर नाम दर्ज हो गया। वो एक सरकारी स्कूल में पढ़ती है लेकिन पिता ने उसे अनपढ़ बताकर मेडिकल करवाया और मप्र शासन को सेवाएं देने वाले एक डॉक्टर ने उसका फर्जी आयु प्रमाण पत्र जारी कर दिया।
इस मामले का खुलासा बालिका वधू की बड़ी बहन असरबती पत्नी गोविंद लोधी ने किया।
वो शादी रुकवाने के लिए अपने पति के साथ पिछोर पहुंच गई लेकिन किसी अधिकारी ने उससे मिलना तक पसंद नहीं किया। मीडिया ने एसडीएम पिछोर से पूछा तो कहते हैं, जांच करवाता हूं।
कुल मिलाकर प्राइवेट सेक्टर पर नियमों को थोपने वाली सरकार अपने ही अफसरों को बचाने के लिए तत्काल सक्रिय हो जाती है। अभी तक वो डॉक्टर गिरफ्तार नहीं किया गया है जिसने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाया। उसे बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने की कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। शिवपुरी कलेक्टर भी चुप हैं। मामले के ठंडा होने का इंतजार कर रहे हैं।