ग्वालियर। कलेक्टर पर प्रेशर क्रिएट करने के लिए प्राइवेट स्कूलों ने वकीलों की फौज भेज दी। यह देखते ही कलेक्टर नाराज हो गए और उन्होंने शुक्रवार तक जानकारी उपलब्ध कराने के आदेश दिए, अन्यथा कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा। इधर प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ अभियान में कलेक्टर को सोशल मीडिया पर पब्लिक का जबर्दस्त सपोर्ट मिल रहा है। लोग चाहते हैं कि प्राइवेट स्कूल संचालकों को सबक सिखाया ही जाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि प्राइवेट स्कूलों में मनमानी फीस वृद्धि, किताब व ड्रेस की बिक्री कुछ चुनिंदा दुकानों से कराने की शिकायतों के निराकरण को लेकर प्रशासन ने मुहिम चला रखी है।
जांच टीम का पक्ष भी सुना
पांच दिन पहले स्कूलों की जांच करने वाले छह से ज्यादा अफसरों को भी कलेक्टर पी नरहरि ने नोटिस जारी किए थे। कलेक्टर को संदेह था कि इन्होंने जांच ढंग से नहीं की। इन सभी अफसरों ने स्कूलों की सुनवाई के बाद अपना पक्ष रखा तथा तर्कों के साथ खुद को निर्दोष बताया।
ऋषि गालव की शिकायत लेकर पहुंची छात्राएं
ऋषि गालव स्कूल प्रबंधन की शिकायत लेकर दो छात्राएं बुधवार को कलेक्टर के पास पहुंचीं। इससे पहले भी स्कूल की शिकायत कलेक्टर तक पहुंच चुकी हैं। ऑल इंडिया पेरेंट्स यूनियन की ग्वालियर इकाई की मदद से कक्षा 10 की छात्राएं रूपाली राठौर व शिवा कटारे कलेक्टर न्यायालय में पहुंचीं। इनका आरोप था कि स्कूल प्रबंधन परिजनों से यह बात लिखित में मांग रहा है कि वे नेतागिरी नहीं करेंगे। इसके बाद ही उन्हें स्टेशनरी व अन्य सामग्री देने को कहा जा रहा है। कलेक्टर ने दोनों छात्राओं की बात सुनकर स्कूल को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
DPS ने बताए खर्च
फीस वृद्धि को जायज बताने के लिए डीपीएस रायरू के वकील ने कहा कि 3.60 करोड़ का लोन है। नई बसें, छात्रों को सुविधाएं व टीचरों को पर्याप्त वेतन के कारण फीस बढ़ाना जरूरी है। इसलिए फीस वृद्धि के आदेश पर पुनर्विचार किया जाए। कलेक्टर ने कहा 13 अप्रैल की बैठक 17 को की जाए। फीस में वृद्धि दस फीसदी से ज्यादा न हो यह सुनिश्चित किया जाए।
सेंट टेरेसा स्कूल: फार्म के वसूले जाते हैं पैसे
सेंट टेरेसा स्कूल की रिपोर्ट में फार्म के बदले पैसे लेने व ड्रेस मूंछ वाले पंडित जी की दुकान से मिलने का उल्लेख था। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि फार्म केवल उन्हीं को दिए जाते हैं, जिनके एडमिशन होते हैं। कलेक्टर ने नोडल अफसर से 13 अप्रैल को बैठक लेकर स्पष्ट अभिमत देने को कहा।
सेंट पॉल मुरार: प्राचार्य पर कार्रवाई करें
सेंट पॉल स्कूल मुरार के एकाउंटेंट ने कहा- फीस वृद्धि वापस ले ली गई है। आदेश पर 13 अप्रैल को बैठक भी हुई। कलेक्टर बोले- सुनवाई के वक्त प्राचार्य क्यों नहीं आए? स्कूल संचालित करने वाली सोसाइटी 15 दिन में प्राचार्य के खिलाफ कार्रवाई कर सूचित करे।
वीनस ने मांगी रिपोर्ट की कॉपी
वीनस स्कूल की तरफ से एडवोकेट ने जांच रिपोर्ट की कॉपी मांगी और कहा कि कुछ वक्त दिया जाए। कलेक्टर बोले- अभी एडमिशन हो रहे हैं। उन्होंने आवेदन अस्वीकार कर 17 अप्रैल तक उत्तर देने को कहा।
प्रगति विद्यापीठ में 16 को करें बैठक
प्रगति विद्यापीठ की तरफ से प्राचार्य ने कहा- देरी से सूचना मिलने पर 13 अप्रैल को बैठक नहीं हो सकी। फीस वृद्धि निरस्त कर दी गई है। कलेक्टर ने पूछा कि इसकी सूचना पालकों को दी गई तो प्राचार्य संतोषजनक उत्तर नहीं दे सकीं। कलेक्टर ने कहा कि 16 अप्रैल को बैठक करें।
एक परिसर में कैसे चल रहे कॉर्मल कॉन्वेंट और लिटिल फ्लाॅवर होम
नीरज कटारिया के एडमिशन न होने से जुड़ी शिकायत पर स्कूल स्टाफ व एडवोकेट ने कहा कि लाॅटरी डाली गई थी। नाम नहीं आया तो प्रबंधन का दोष नहीं है। कलेक्टर ने कहा- एक परिसर में काॅर्मल काॅन्वेंट व लिटिल फ्लाॅवर होम कैसे चल रहे हैं? बीआरसी 17 अप्रैल तक जांच कर पता करें कि नीरज का नाम ड्राॅ में शामिल था या नहीं।
ग्वालियर ग्लोरी: बैंक से देर में मिलेगी जानकारी
ग्वालियर ग्लोरी स्कूल (जूनियर व सीनियर दोनों) की तरफ से एडवोकेट ने कहा कि जो जानकारी चाही गई है उसे बैंक से लेने में समय लगेगा। इसलिए 15 दिन का समय दिया जाए। इस पर कलेक्टर ने कहा- अभिभावक परेशान हैं, मुझे दो दिन में बताएं कि कितने एडमिशन आरटीई में हुए हैं।
डीपीएस के पालकों ने बनाया संघ
आल इंडिया पैरेंट्स एसोसिएशन के तत्वावधान में डीपीएस रायरू के लगभग 50 अभिभावकों ने बुधवार को अभिभावक संघ का गठन किया। संघ के सदस्य 17 अप्रैल को कलेक्टर के निर्देश पर होने वाली बैठक में भाग लेंगे।
- सोशल मीडिया पर कलेक्टर की मुहिम को सपोर्ट
- शहर के प्राइवेट स्कूलों की ओर से की जा रही फीस वृद्धि के खिलाफ सोशल मीडिया पर भी सैकड़ों लोगों ने कमेंट कर आक्रोश जताया है। पालकों ने कुछ इस तरह फेसबुक पर किए कमेंट-
- उठो अर्जुन, गांडीव संभालो- छात्र संगठनों से सुधीर सप्रा का आह्वान।
- आदेश नहीं मानने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए- जयदीप सिंह।
- अब अफसर क्या करें, स्कूल तो बड़े आदमियों के हैं, जो नेताओं के संरक्षण में चल रहे हैं- मोहन के गुप्ता
- कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र व्यापक हैं। उन्हें पहल करनी चाहिए- समीर खरे
- स्कूल संचालकों के पास फीस बढ़ाने का कोई जायज कारण नहीं है। इसलिए वे सामना नहीं करना चाहते- अंजनी दुबे
- स्कूल संचालक जितनी फीस लेते हैं, छात्राें को उतनी सुविधाएं नहीं देते- अर्चना अग्रवाल
- पैरेंट्स एकत्र होंगे, तभी प्राइवेट स्कूलों पर दबाव बनेगा- नवल किशोर ओझा
- फीस वृद्धि के साथ-साथ कन्वेंस, किताब व ड्रेस की कमीशनखोरी से भी निपटना चाहिए- मनोज सोनी
- पालक जब तक एक जुट होकर सामने नहीं आएंगे। स्कूल की मनमानी पर रोक नहीं लग पाएगी। -पीयूष चतुर्वेदी
