भोपाल। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रंथ अकादमी में वित्तीय वर्ष 2014-15 में कागज खरीदी में करोड़ों रूपयों का भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का प्रामाणिक आरोप लगाया है।
आज यहां जारी अपने बयान में मिश्रा ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में नियमानुसार बिना भंडार क्रय नियम (निविदा) के सीधे हिन्दुस्तान पेपर कार्पोरेशन में पुस्तकों की छपाई के लिए इंदौर शाखा से कमीशन एजेंट द्वारा 1000 टन पेपर खरीदी के लिए एक मुश्त 5 करोड़ 48 लाख रूपयों का अग्रिम भुगतान गत् वर्ष अप्रैल 2014 में कर दिया गया है, जबकि अभी तक अकादमी को पूरा कागज प्राप्त नहीं हुआ है। नियमानुसार शासकीय विभागों में किसी भी संस्था को सामग्री खरीदी के पूर्व अग्रिम भुगतान नहीं किया जाता है। यदि अकादमी के जबावदारों द्वारा उक्त विषयक अग्रिम भुगतान किया गया है तो इसके पीछे संबंधित अकिधकारियों की मंशा क्या थी, स्पष्ट होना चाहिए?
मिश्रा ने सीधा आरोप लगाया है कि अकादमी में लेखा एवं प्रिटिंग शाखा द्वारा पुस्तकों की छपाई हेतु प्रिटिंग प्रेसों के माध्यम से खुलेआम रिश्वत एवं कमीशनखोरी की जा रही है। अपने आरोपों को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि आखिरकार क्या कारण है कि इस महत्वपूर्ण अकादमी में 3 वर्षों से लेखापाल एवं लेखाधिकारी क्यों नहीं हैं? उन्होंने राज्य सरकार से कांगे्रस के इस आरोप की उच्च स्तरीय एवं निष्पक्ष जांच की मांग की है।