नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ राज्य के एक कलेक्टर ने भेष बदलकर दवा घोटाले की जांच की। वो अस्पताल की लाइन में जा लगे और दवा मांगी, मौजूद पैरा मेडिकल स्टाफ ने उन्हें तीन तरह की दवाएं बाहर यानी किसी दुकान से खरीदने की सलाह दी। उसके बाद कलेक्टर सीधे रेडक्रॉस के मेडिकल स्टोर्स पहुंचे और ब्रांडेड दवा देखकर अधिकारियों को फटकार लगाई।
धमतरी के कलेक्टर भीम सिंह ने एक मरीज की पर्ची ली और मरीजों की लाइन में खड़े हो गए। जिला अस्पताल में वे पहले पहुंचे, मरीजों से चर्चा की, व्यवस्था देखी और साफ-सफाई भी देखी। उन्हें जब दवाई बाहर से खरीदते रहने की शिकायत मिली तो उन्होंने एक मरीज से पर्ची ले ली और लाईन में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे। जब उनकी बारी आई तो शिकायत सही मिली। उनकी पर्ची देखकर पैरा मेडिकल स्टॉफ ने तीन तरह की दवाओं को बाहर के मेडिकल स्टोर्स से खरीदने की सलाह दी।
इसके बाद कलेक्टर ने काफी नाराजगी दिखाई, कर्मचारियों को तो डांटा ही साथ ही सीधे रेडक्रॉस के मेडिकल स्टोर्स पहुंचे और वहां भी ब्रांडेड दवा देखकर काफी नाराज हुए और जमकर फटकार लगाई। बता दें कि कलेक्टर को अस्पताल के स्टाफ ने नहीं पहचाना था। भीम सिंह 2008 बैच के आईएएस है। हरियाणा के मूल निवासी है और पहली बार कलेक्टर बने हैं।