भोपाल। व्यापमं घोटाले में एसआईटी द्वारा एक पूर्व महिला आईपीएस अधिकारी और एक बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश करने के बाद भी एसटीएफ के कार्रवाई नहीं करने पर हाईकोर्ट ने जवाब तलब किया है।
एसआईटी ने 10 अप्रैल को हाईकोर्ट को सौंपी गई 15 पेज की सातवीं स्टेटस रिपोर्ट में उपरोक्त दो अतिविशिष्ट समेत अन्य लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने की जानकारी दी थी। 16 अप्रैल को इस रिपोर्ट पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सिफारिश के मुताबिक एसटीएफ को कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए 23 अप्रैल तक एसआईटी के जरिए रिपोर्ट देने कहा है। अगली सुनवाई 24 अप्रैल को होगी।
एसआईटी की रिपोर्ट पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस आलोक आराधे की कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने महाधिवक्ता रविश अग्रवाल से एसटीएफ से एसआईटी की रिपोर्ट पर अब तक की गई कार्रवाई का विवरण बताने के लिए कहा है। साथ ही जिन रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं हुई है, उन पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।
एसटीएफ को बताना होगा कि एसआईटी ने किस मामले में कार्रवाई के लिए उसे किस तारीख को क्या निर्देश दिए थे और उस पर एसटीएफ की ओर से क्या कारवाई की गई। यदि कोई कार्रवाई नहीं की गई तो इसकी ठोस वजह भी एसटीएफ को बताना होगी। हाईकोर्ट ने कहा है कि उम्मीद है एसआईटी अगली रिपोर्ट 23 अप्रैल तक पेश कर देगी। इसमें एसटीएफ की कार्रवाई का भी विवरण होगा।
STF कार्रवाई से बच रही थी
एसटीएफ इन उक्त दो अतिविशिष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई से बच रही थी लेकिन हाईकोर्ट की सख्ती के बाद अब इन दोनों पर कार्रवाई करना होगी। एसटीएफ का अब तक तर्क था कि इन दोनों अतिविशिष्ट लोगों के रुपए लेने की पुष्टि नहीं हुई है इसलिए कार्रवाई करना उचित नहीं है।
27 मामलों में जांच अधूरी
एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में हाईकोर्ट को बताया है कि उसे व्यापमं से जुड़े 55 मामलों की मॉनिटरिंग दी गई है। इनमें से 27 मामलों में जांच चल रही है। जिसके बाद अंतिम चालान पेश किया जाएगा।