भोपाल। क्या आपने शिवराज सिंह चौहान को गुस्सा होते हुए देखा है। धोनी की तरह वो भी मिस्टर कूल ही हैं। बड़ी सी बड़ी समस्या और तनाव की स्थिति में भी वो अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने में सफल होते हैं लेकिन बीते रोज एक सार्वजनिक सभा में वो अपना नियंत्रण खो बैठे। सामने की पंक्तियों में बैठे अफसरों पर बरस पड़े।
सीएम को गुस्सा तब आया जब उन्होंने अपने उद्बोधन के अंत में उत्साह से भारत माता की जय का नारा लगाया। उनके आह्वान पर पीछे बैठे श्रोताओं ने तो भारत माता की जयकार का नारा लगाया, लेकिन मंच के सामने ठीक बैठे अफसर और उनके परिजन खामोशी ओढ़े रहे। उनका ठंडा रुख देख सीएम गरम हो गए। और... वे खुद को रोक नहीं सके, अफसरों की ओर मुखातिब होकर बोले- 'छोटे कर्मचारियों ने तो जयघोष किया, लेकिन बड़े अफसरों को भारत माता की जय बोलने में शर्म आ रही है।
मैं पिछले चुनावों से बराबर अफसरों की ऊंगली देख रहा हूं, कि किस अफसर ने मतदान किया, किसने नहीं किया। मैं नाम लेकर बता सकता हूं कि चार इमली में रहने वाले किस अफसर ने वोट डाला और किसने नहीं। जब भी राष्ट्रीय महत्व का विषय आता है तो अफसरों की अफसरी जाग उठती है।
मुख्यमंत्री का तमतमाता चेहरा देखकर मंच पर आसीन मुख्यसचिव सहित वहां मौजूद सभी अफसर कुछ इस तरह सकपका गए, मानो... उन्हें पहली बार पता चल रहा हो कि मुख्यमंत्री को भी गुस्सा आता है। हालांकि चंद क्षणों के लिए आए क्रोध पर तत्काल काबू पाते हुए मुख्यमंत्री ने माहौल को सामान्य बनाने के लिए फिर नारे लगवाए।
इस बार पूरे पंडाल में नारा गूंज उठा। बाद में जाते-जाते माहौल को हल्का करने के लिए सीएम ने हंसते हुए कहा कि बड़े नेता भी नारे लगाने से बचते हैं, सिर्फ छोटे नेता ही नारे लगाने में आगे रहते हैं।
