शिवपुरी। मेहमानों की थाली में गौमांस परोसने के अपराध में यहां एक गांव में मांगलिक कार्यक्रम ही प्रतिबंधित कर दिए गए। इस गांव के लोग अब दूसरे गांव में जाकर शादियां कर रहे हैं।
बदरवास के बूढाडोंगर गांव के खैरा आदिवासी ने अपनी बेटी आशा के हाथपीले इस गांव मेें नही की उसने पास ही के गांव ऐनवारा में अपनी बेटी की शादी की सारी रस्में पूरी की और इसी गांव से बेटी को विदा किया है।
यह भी जानकारी आ रही है कि खुशियां ने अपनी बेटी की शादी संध्या का विवाह बदरवास जाकर तो रेखा आदिवासी ने अपनी बेटी मंजू की शादी ग्राम कुल्हाडी से व लक्ष्मण ने बेटी मीनू बघेल का ब्याह पास के ही गांव दीघोछ जाकर किया।
इसी प्रकार के गांव के कई यादव परिवारो ने अपने यहां होने वाली शादियां और अन्य मांगलिक कार्यक्रम की तिथि को आगे कर दिया है जब तक शास्त्रों की विधि अनुसार इस गांव का शुद्धिकरण नही हो जाता है तब तक इस गांव से सभी मांगलिग कार्यक्रम पलायन कर गए है।
इनका कहना है
धर्म शास्त्र में गोवंश की हत्या को गांव व ग्रामीणों के लिए अहितकारी व अशुभ माना जाता है इसकारण गाव में मांगलिक कार्यक्रम नही हो रहे है ग्रामीण चंदा कर गया से गंगाजल लाकर गांव को शुद्ध करेंगें और भागवत सप्ताह का आयोजन करने के बाद ही मांगलिक कार्यक्रम शुरू होगें यह निर्णय ग्रामीणों ने मिलकर लिया है।
दिमान सिंह यादव, पूर्व सरपंच बूढाडोंगर