अपने पुरोधा आडवाणी को भूले शिवराज

केके मिश्रा/भोपाल। राजधानी भोपाल में आज से प्रारंभ हो रही भाजपा की दो दिवसीय प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में सभी वक्ताओं द्वारा प्रदेश में व्याप्त भारी भ्रष्टाचार, बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से बर्बाद किसान और व्यापमं महाघोटाले जैसे गंभीर मुद्दों पर असफल राज्य सरकार को संरक्षित करते हुए उसके मुखिया शिवराजसिंह चौहान का स्तुतिगान किये जाना ‘अपने मुंह मियां मिठ्ठू’ बनने की निरर्थक कवायद है। यदि वित्त मंत्री अरूण जेटली के शब्दों में मप्र बीमारू राज्य के दर्जे से उभरकर विकसित राज्य का दर्जा प्राप्त कर चुका है तो उन्हें केंद्र से बीमारू राज्य के रूप में मप्र को दी जा रही सोलह हजार करोड़ रूपयों की अतिरिक्त राशि का आवंटन बंद कर देना चाहिए।

BIMARU राज्य अर्थात B-से बिहार, M-से मध्यप्रदेश, A-से आंध्रा, R- से राजस्थान, U-से उत्तरप्रदेश जैसे बीमारू राज्यों को विकास सूचकांक, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य अधोसंरचना के लिए बीमारू राज्यों से जोड़ा गया था, ताकि इन्हें अन्य दूसरे विकसित राज्यों के बराबर लाया जा सके। इस लिहाज से इन राज्यों को केंद्र विशेष सहायता राशि मुहैया कराती है। जिसके अंतर्गत मप्र को प्रतिवर्ष सोलह हजार करोड़ रूपयों की अतिरिक्त राशि दी जा रही है।

यदि वित्त मंत्री के कथनानुसार मप्र विकसित राज्यों की श्रेणी में आ चुका है तब उक्त सोलह हजार करोड़ रूपयों की विशेष पैकेज के रूप में मप्र को प्राप्त हो रही अतिरिक्त धनराशि के आवंटन को बंद करने हेतु मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने केंद्र से अब तक किसी भी प्रकार का पत्राचार न कर अक्षम्य अपराध किया है।

प्रदेश भाजपा द्वारा अपने केंद्रीय नेताओं के आगमन के अवसर पर लगाये गये होर्डिंग्स में भाजपा के पुरोधा, किंतु अब उपेक्षित लालकृष्ण आडवाणी की तस्वीर नहीं लगाये जाने पर घोर आश्चर्य होता है कि जो प्रदेश उन्हें राजधानी भोपाल सेे लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आग्रह कर रहा था, वही आज उन्हें उसी भोपाल में विस्मृत कर देगा, ऐसी उम्मीद कोई भी नहीं कर सकता है?

  • लेखक श्री केके मिश्रा मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता हैं।


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