राजेश शुक्ला/अनूपपुर। बुधवार 8 अप्रैल की शाम खराब मौसम के बीच निर्माणाधीन जैन मंदिर में स्टोन लिफ्टर के पलटने की घटना के बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 7 हो गई है जबकि गंभीर रूप से घायलों को जिला चिकित्सालय अनूपपुर देर रात लाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
मामले का सर्वाधिक दुखद पक्ष यह है कि एक ही परिवार के पांच लोगों की मौत घटना में हो गई जबकि पिता की अस्थियां विसर्जित करने अमरकंटक पहुंचे पुत्र और दादा ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हादसे को लेकर शोक संवेदना प्रकट करते हुए मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रूपये, गंभीर घायलों को पच्चीस-पच्चीस हजार रूपये तथा आंशिक घायलों को पांच-पांच हजार रूपये देने की घोषणा की है। वहीं प्रथम दृष्टया हादसे के पीछे गंभीर लापरवाही के संकेतों के मद्देनजर कलेक्टर नरेन्द्र सिंह परमार ने घटना के कारणों की सूक्ष्म जांच कराये जाने की बात कही है।
कलेक्टर/एसपी ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर एन.एस. परमार तथा पुलिस अधीक्षक निमिष अग्रवाल तत्काल मौके पर पहुंचे तथा उनके निर्देशन में राहत दल भी बमुश्किल कुछ घंटों में ही घटना स्थल पर पहुंच गया। एसडीएम पुष्पराजगढ राहुल एच. फटिंग तथा एसडीओपी दिनेश गौतम, नगर पंचायत अमरकंटक अध्यक्ष रज्जू सिंह नेताम, प्रभारी सीएमओ राधेश्याम उपाध्याय के साथ स्थानीय अमले ने देर रात तक राहत कार्य चलाकर घायलों को निकालने का कार्य किया। तेज अंध$ड एवं झमाझम बारिश के कारण राहत कार्य में समस्या आ रही थी।
कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने घटना स्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया तथा एसईसीएल से रेस्क्यू दल बुलाकर क्रेन के नीचे एवं दुकानों में फंसे लोगों को निकाला गया। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि दोपहर से ही क्षेत्र में ओला एवं बारिश के कारण मौसम खराब था। देर शाम तेज गति के आंधी-तूफान से हालत और भी बिगड़ी। दुर्घटना के बाद बिजली गुल हो जाने से राहत कार्य में भारी व्यवधान आया इसके बावजूद कलेक्टर के नेतृत्व में राहत दल ने देर रात तक बचाव कार्य किया।
एक परिवार के पांच सदस्यों ने तोड़ा दम
भारी भरकम क्रेन के अचानक भरभराकर पलटने से समीप ही एक दुकान में बारिश से बचने के लिए शरण लिये एक ही परिवार के पांच लोगों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में श्रीमती गीताबाई पत्नी बालमुकुंद यादव उम्र 30 वर्ष, गोकुल उम्र 12 वर्ष, छत्रपाल उम्र 9 वर्ष, पंकज उम्र 03 वर्ष सभी पुत्र बालमुकुंद तथा राधा बाई पत्नी शंभु यादव उम्र 03 वर्ष के साथ केशवाही अंतर्गत ग्राम मलैया से अपने बाबा के साथ पिता की अस्थियां विसर्जित करने अमरकंटक पहुंचे रामकृपाल सिंह पुत्र रामा सिंह गोड़ एवं बालकरण पुत्र धनीराम गोड़, जो कि बोलेरो वाहन में बैठे हुए थे की क्रेन से दबने के कारण मौत हो गई। जबकि इसी वाहन के तीन अन्य लोग कुछ मिनट पहले ही चाय पीने के लिए वाहन से बाहर निकले थे, वे इस हादसे में बाल-बाल बच गए।
घायल कई हुए
गंभीर रूप से घायल नर्मदा सिंह पुत्र कोदू सिंह, तिब्बल पुत्र रघवा सिंह, दशरथ पुत्र बुन्नू यादव, तेरसिया बाई पति गौतम सिंह सभी निवासी मलैया, के साथ कुछ अन्य को सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र अमरकंटक में देर रात इलाज के लिए भर्ती कराया गया। उक्त सभी चारों लोगों की गंभीर दशा को देखते हुए इन्हें जिला चिकित्सालय अनूपपुर के लिए रेफर किया गया जहां उनकी हालत स्थिर बतलाई जा रही है।
आंधी-तूफान ने मचाई तबाही
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डिंडौरी, करंजियां, अमरकण्टक के साथ छत्तीसगढ़ के पेण्ड्रा और बिलासपुर क्षेत्र में तेज आंधी-तूफान के कारण भारी तबाही हुई है। अमरकंटक मंदिर प्रांगण के समीप कुछ दुकानों के छप्पर उडऩे, जमुना दादर में कुछ मकानों को नुकसान पहुंचने की सूचना है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आंधी-तूफान की खतरनाक स्थिति को देखते हुए खोडरी-खोंगसरा के बीच उत्कल एक्सप्रेस को लगभग 1.30 घंटे रोक कर रखा गया। अमरकंटक में पूरी रात बिजली गायब रही तो वहीं राजेन्द्रग्राम, अनूपपुर जिला मुख्यालय सहित कोतमा, बिजुरी, राजनगर, जैतहरी सहित अन्य स्थानों पर बारिश के साथ बिजली जो गई, घंटों बाद वापस आई।
मुख्यमंत्री की संवेदना
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे में मृतकों के परिवारजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मृतकों के परिजनों को एक-एक लाख रुपए, गंभीर रूप से घायलों को 25-25 हजार तथा सामान्य घायलों को 5-5 हजार रुपए की राज्य सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाएगी। आयुक्त शहडोल संभाग डी.पी. अहिरवार तथा पुलिस महानिरीक्षक शहडोल जोन वेदप्रकाश शर्मा द्वारा राहत कार्यों की सतत् रूप से निगरानी की जा रही थी।
शव निकालने, गैस कटर का किया गया उपयोग
जैन मंदिर निर्माण कार्य में लगी 100 मी० ऊंची क्रेन एकाएक पलट गई तथा मंदिर के विपरीत दिशा में गिरने से उसकी चपेट में 5 दुकानों तथा मुख्य मार्ग पर खडी तीर्थयात्रियों से भरी बुलेरो गा$डी एमपी 18 टी 1147 आने से कई लोग इसमें दब गए। देर रात गैस कटर से बुलेरो को काटकर इसमें बुरी तरह फंसे शवों को निकाला गया। सभी सात शवों को नर्मदा तट पर बने शवगृह में रखा गया जहां उनका पोस्टमार्टम गुरूवार की सुबह किया गया और शवों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
घटना स्थल पहुंचे सांसद
घटना स्थल पर क्षेत्रीय सांसद दलपत सिंह परस्ते ने पहुंचकर राहत कार्य का जायजा लिया तथा प्रभावित परिवारों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की। राहत कार्य में नगरपरिषद अमरकंटक के अध्यक्ष रज्जू नेताम, पार्षदों तथा नगरपरिषद के कर्मियों द्वारा सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया गया। कलेक्टर एन.एस. परमार ने सामुदायिक स्वा० केन्द्र अमरकंटक तथा जिला चिकित्सालय में पहुंचकर घायलों से मुलाकात की एवं उनके उपचार कार्य तथा स्वास्थ्य के संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वा० अधिकारी डॉ. आर.पी. श्रीवास्तव से जानकारी प्राप्त की। अनूपपुर जिला चिकित्सालय से चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों का एक दल पूरी रात अमरकंटक में डेरा डाले हुए था।
नगर में छाया मातम
निर्माणाधीन जैन मंदिर में हुए इस दर्द विदारक हादसे के बाद पवित्र नगरी अमरकंटक सहित क्षेत्र में शोक फैल गया। लोग हतप्रभ हैं। नगर में मातम सा पसरा हुआ है और लोग अपने-अपने ढंग से घटना के कारणों की समीक्षा करते देखे गए।
एसडीएम ने कहा-मैं चुप रहूंगा
मामले का सबसे शर्मनाक पक्ष यह भी था कि एक ओर कलेक्टर श्री परमार हर मोर्चे पर जूझते नजर आये तो वहीं पुष्पराजगढ़ के प्रशासक एसडीएम राहुल एच. फंटिंग, राहत कार्य में लगे होने, घटना के सभी पक्षों से अवगत होने के बावजूद मीडिया से भागते देखे गए। उनसे बार-बार घटना के कारणों से जुड़े प्रश्र पूछे जाने के बावजूद उनका अंदाज कुछ यूं दिखा कि मैं तो चुप ही रहूंगा। यहां यह विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि पवित्र नगरी अमरकंटक के काम-काज पर बड़ा नियंत्रण एसडीएम पुष्पराजगढ़ का होता है। आईएएस होने के बावजूद उनकी पत्रकारों से दूरी बनाने की अदा भी लोगों को हजम नहीं हुई।
घटना की होगी निष्पक्ष जांच
स्थानीय जनों में घटना के कारणों को लेकर अलग-अलग कयास लगाये जाते रहे तो वहीं कुछ एैसे भी जानकार थे जिन्होनें मौके का अवलोकन किया और स्टोन लिफ्टर के संचालन में गंभीर लापरवाही के संकेत भी पाये। मौके पर जिस तरह से के्रन की लाईन के अंतिम छोर पर बने स्टापर से के्रन तेजी से टकराई, स्टापर टूटा और धचके के साथ क्रेन पलटी, इसके कारण यह गंभीर हादसा हुआ। लोगों ने आरोप लगाया कि के्रन को स्थिर रखने के लिए लाक सिस्टम का उपयोग नहीं किया गया या इससे छेड़छाड़ होने की आशंका भी व्यक्त की गई जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हुआ। यह उल्लेखनीय है कि जैन मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन तत्कालीन उपराष्ट्रपति भैरव सिंह शेखावत ने किया था और वर्षो से इस मंदिर में भारी भरकम स्टोन लिफ्टर का उपयोग किया जाता रहा है। इसके बावजूद दुर्घटना होने से कई गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।
हवा में उड़ी मौसम विभाग की चेतावनी
मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार मौसम विभाग द्वारा जबलपुर संभाग और शहडोल में बारिश की चेतावनी जारी की गई थी लेकिन जिला या अमरकंटक में आंधी, पानी, तूफान की कोई चेतावनी नहीं दी गई थी। जिस तेज गति से आंधी-तूफान इस क्षेत्र के कई जिलों में चला, लोग आश्चर्य चकित और हतप्रभ थे। जानकारों ने भी हवा की तेज गति का अनुमान नहीं लगाया। मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ० अनुपम काश्यप भी चेतावनी के लिए हवा की गति का विश£ेषण करना आवश्यक मान रहे हैं।
कई जिलों में गिरे ओले
क्षेत्र में कुछ घंटो तक न केवल तेज आंधी, तूफान, बारिश होती रही बल्कि अनूपपुर, डिण्डौरी, मंडला, सिवनी जिले में भी ओला गिरने की सूचना है जिसके कारण फसलों को नुकसान हुआ है।
परिसर से हटाई गई दुकानें
हादसे के बाद परिसर से सभी दुकानें हटाने का कार्य प्रारंभ किया गया। कई दुकानों में बड़ा नुकसान होने के बाद एवं के्रेन की दशा देखकर व्यापारियों में भी दहशत देखी गई। वहीं कुछ जानकारों ने प्रशासन से निर्माणाधीन मंदिर परिसर से सभी दुकानों को सुरक्षित दूरी तक हटाने की मांग भी की है।