नई दिल्ली। नेहरू सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नजदीकी रिश्तेदारों की जासूसी कराने को लेकर उठे विवादों के बीच कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने यह कहते हुए पलटवार किया कि भाजपा नीत राजग सरकार को जनसंघ नेता दीनदयाल उपाध्याय की ‘‘रहस्यमय’’ मौत के मामले की जांच करानी चाहिए।
सिंह ने जवाहर लाल नेहरू द्वारा नेताजी के परिवार की जासूसी कराने के सामने आ रहे संकेतों को ‘‘सुनियोजित षड्यंत्र’’ करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि गुप्तचर ब्यूरो की वह रिपोर्ट जिसके आधार पर ऐसे ‘‘परोक्ष आक्षेप’’ लगाये जा रहे पश्चिम बंगाल के शोलामारी आश्रम के एक साधू की जांच को लेकर है जिसके बारे में किसी ने दावा किया था कि वह नेताजी थे।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई मुद्दा नही है। भाजपा ने एक गैर मुद्दे से एक मुद्दा बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि नेहरू नेताजी के परिवार की जासूसी करा रहे थे और यह निष्कर्ष इन दस्तावेजों पर आधारित है। इन दस्तावेजों की बोस से कोई संबद्धता नहीं है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘उस समय किसी ने शोलामारी के एक अज्ञात बाबा के बारे में दावा किया था कि वह नेताजी थे। इसलिए गुप्तचर ब्यूरो के लिए इसकी जांच करना काफी स्वाभाविक था। इसलिए जांच नेताजी की नहीं बल्कि साधू की गई थी।’’
