अतिथि विद्वानों ने जेल में अन्नजल त्यागा, मांगी इच्छामृत्यु

भोपाल। उच्च शिक्षा विभाग के सरकारी कॉलेजों में पदस्थ अतिथि विद्वान इस बार हर हालत में अपनी नियमितिकरण की मांग पूरी करवाने के लिए मैदान में उतरे हैं। रविवार-सोमवार रात भर अतिथि विद्वानों ने सेंट्रल जेल में भूखे प्यासे रहकर धरना दिया। सोमवार दिन में बाहर आकर उन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। साथ मुख्यमंत्री के सचिव हरिरंजन राव से भी मुलाकात की है।

अतिथि विद्वान महासंघ की आंदोलन संचालन समिति की डॉ लीना दुबे ने बताया कि रविवार को सभी लोग मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे थे। लेकिन पुलिस ने ताना शाही रवैय्या अपनाते हुए सभी की गिरफ्तारी कर ली। इसके बाद सभी को सेंट्रल ले जाया गया। इससे नाराज अतिथि विद्वान वहीं धरने पर बैठ गए। रातभर पुरुषों और महिला अतिथि विद्वानों ने भूखे प्यासे रहकर धरना दिया। फिर सोमवार को राष्ट्रपति को सपरिवार इच्छा मृत्यु की अनुमति देने के लिए पत्र लिखा है। डॉ दुबे के मुताबिक 19 अप्रैल से अतिथि विद्वानों का धरना शुरु हुआ है जो अब तक जारी है। लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्रवाई के प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं।

भाजपा मुख्यालय भी पहुंचे
अतिथि विद्वान सोमवार को दीन दयाल परिसर स्थित भाजपा के मुख्यालय भी पहुंचे। वहां पर संगठन मंत्री विनोद गोटिया ने उनसे मुलाकात की। इस दौरान अतिथि विद्वानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। साथ ही रविवार की पूरी घटना बताई।

मुख्यमंत्री के सचिव से मुलाकात
सोमवार को अतिथि विद्वानों ने मुख्यमंत्री के सचिव हरिरंजन राव से मुलाकात की। अतिथि विद्वानों ने कहा कि अब उनकी समस्या सिर्फ मुख्यमंत्री ही सुलझा सकते हैं। अफसरशाही के बस में उनकी समस्या सुलझाना नहीं रह गया है।

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