भोपाल। लोगों को मकान और जमीनों का रिकॉर्ड आगामी एक मई से ई-खसरा/खतौनी से मिलना शुरू हो जाएगा। वर्तमान में यह व्यवस्था 1960 से 2010 के मकान व जमीन के लिए थी। इसमें अब वर्तमान तक का रिकॉर्ड भी अपलोड किया जा रहा है। इसका फायदा यह होगा कि किसी भी प्रकार की प्रॉपर्टी का रिकॉर्ड कलेक्टोरेट में आवेदन करने के कुछ घंटों बाद ही मिल जाएगा। पहले खसरा-खतौनी सहित अन्य रिकॉर्ड के लिए लोगों को कई दिनों तक तहसील और पटवारियों के चक्कर लगाने पड़ते थे।
वर्तमान रिकॉर्ड के साथ 3 लाख 47 हजार 413 खसरा-खतौनी को अपने सर्वर पर अपलोड कर दिया गया है। इनमें से 2 लाख 94 हजार 685 खसरे पटवारियों द्वारा सत्यापित किए गए हैं। बचे हुए खसरे जल्द सत्यापित कर दिए जाएंगे। सत्यापन के बाद तहसीलदार-नायब तहसीलदार खसरों पर डिजीटल हस्ताक्षर कर देंगे। इसके बाद सर्टिफाइड खतरा-खतौनी कलेक्टर कार्यालय से उपलब्ध हो जाएगी।
रोज अपलोड कर रहे रिकॉर्ड
अभी तक वर्ष 1960 से 2010 तक का रिकॉर्ड अपलोड किया गया है, जबकि इनमें से कई मकान और जमीनों की खरीद-फरोख्त और नामांतरण हो चुके हैं। ऐसे में जमीन और मकान का रिकॉर्ड सर्च करवाने में वर्तमान स्थिति का पता नहीं चल पाता था। हालांकि राजस्व विभाग अब हर दिन का रिकॉर्ड अपने सर्वर पर अपलोड कर रहा है। इससे प्रॉपर्टी की वर्तमान स्थिति भी लोग पता कर सकेंगे।