मृत किसानों को सहायता क्यों नहीं देती सरकार: हाईकोर्ट ने पूछा

ग्वालियर। अधिवक्ता उमेश कुमार बौहरे द्वारा हाईकोर्ट में पेश जनहित याचिका पर हाईकोर्ट की युगलपीठ ने दोनों संभाग के सभी जिला कलेक्टरों से ओलावृष्टि की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिये हैं साथ ही पूछा है कि किसानों को किस आधार पर मुआवजा दिया गया।

याचिककर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उप्र सरकार ने ओलावृष्टि के प्रभाव से मृत किसानों को 7 लाख रूपये मुआवजा दिया है, लेकिन मप्र सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया। भिंड में फसल बर्बाद होने पर लगभग 22 किसानों की मौत हो चुकी है, लेकिन मृतक किसानों के परिजनों को सहायता तक नहीं दी गई है।

उन्होंने कहा कि रतनगढ़ हादसे में मृत हुये लोगों को 5-5 लाख रूपये दिये गये, 2 लाख रूपये केन्द्र व 3 लाख रूपये राज्य सरकार ने दिये थे। केन्द्र व राज्य के राहत कोष से मृत किसानों को भी पैसा दिया जा सकता है लेकिन राज्य सरकार ने अब तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है। किसानों की लगातार मौत हो रही है, किसानों की आत्महत्या रोकने के लिये सहायता की जाये तथा मृत किसानों को 5-5 लाख रूपये की राहत दी जाये।

याचिकाकर्ता का कहना हैं कि प्रषासन के कुछ अधिकारियों को जिन किसानों ने पैसे दिये हैं, उनका अधिक नुकसान बताया जा रहा है। इससे वास्तविक किसान लाभान्वित नहीं हो पाए हैं। एक बीघा में लगभग 20 हजार की फसल होती है। सरकार प्रति बीघा 2 हजार से कम मुआवजा दे रही है। किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाएं बैंक के कर्ज की बसूली रोकी जाए।

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