जिद पर अड़ी हैं विधवाएं: शिवराज से मिलेंगे, सीएम मिलना नहीं चाहते

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भोपाल। 21 दिन और 340 किलोमीटर लम्बी पदयात्रा करके जबलपुर से भोपाल पहुंचीं मप्र विद्युत मंडल अनुकंपा आश्रित संघर्ष दल की महिलाएं पिछले 14 अप्रैल 2015 से लगातार राजधानी में डेरा डाले हुए हैं, वो सिर्फ शिवराज सिंह चौहान से मिलकर अपने मन की बात बताना चाहतीं हैं परंतु उनकी मुलाकात ही नहीं हो पा रही। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने वादा किया था कि वो मिलवाएंगे, लेकिन वो भी मुकर गए।

अनुकंपा नियुक्ति की मांग लेकर 340 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर राजधानी पहुंचीं विद्युत कर्मचारियों की निराश्रित  महिलाओं के  12 दिन हो गये फिर भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात नहीं हो सकी। महिलाओं से ज्ञापन लेने पहुंचे एसडीएम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का भरोसा दिलाया। परंतु उनसे मुलाकात नहीं हो पाईं।

'मप्र विद्युत मंडल अनुकंपा आश्रित संघर्ष दल' के बैनर तले जबलपुर से 25 मार्च को चलीं ये महिलाएं 21 दिन में पैदल सफर कर मंगलवार को भोपाल पहुंची थीं, लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात संभव नहीं हो सकी। इसलिए महिलाओं ने हबीबगंज स्थित रैन बसेरा में रात गुजारी। 15 अप्रैल 2015 बुधवार को महिलाओं ने यहां से रैली निकाली और टीटीनगर दशहरा मैदान पहुंचीं। यहां धरने पर बैठीं महिलाओं से मिलने पहुंचे टीटीनगर एसडीएम ने मुख्यमंत्री से मुलाकात में दिक्कत बताई, तो महिलाएं उन्हें ज्ञापन देने को तैयार नहीं हुईं।

उनका कहना था कि वे मुख्यमंत्री को ही ज्ञापन सौंपेंगी। महिलाएं शाम तक दशहरा मैदान में डेरा डाले रहीं। आखिर एसडीएम ने गुरुवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात कराने का भरोसा दिलाया, तो महिलाएं वापस रैन बसेरा जाने को तैयार हुईं।

25 माह से आंदोलन जारी
ड्यूटी के दौरान दुर्घटना में पति की मौत के बाद बेसहारा हुई ये महिलाएं परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग कर रही हैं। इस मांग को लेकर संघर्ष दल ने 11 मार्च 2013 से आंदोलन शुरू किया है। जबलपुर में शक्ति भवन के सामने धरना देने के बाद निराश्रितों ने सीधे मुख्यमंत्री से मिलने और उन्हें अपनी व्यथा सुनाने का निर्णय लिया है |

20 दिन, रोज 8 घंटे चले पैदल
निराश्रितों की यह टोली रोज 8 घंटे पैदल चलकर 20 दिन में राजधानी पहुंची हैं। टोली में महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इसलिए रास्तेभर उनकी सुरक्षा की चिंता पुरुष साथियों को करना पड़ी। वे रात-रातभर जागकर दल में शामिल महिलाओं की हिफाजत करते थे। दल के सदस्य सुबह और शाम में चलते थे और रात किसी गांव में गुजारते थे।

आश्रितो की मांग है कि बिजली कंपनी में सरकार द्वारा अनुकंपा नियुक्ति बंद कर दी गई है विद्युत सेवा के दौरान मृत आश्रितों के परिजनों को सरकार द्वारा नियुक्ति देनी चाहिए जबलपुर शक्ति भवन के वेरियल पर ११ मार्च २०१३ से धरना पर बैठ अनुकंपा आश्रित संघर्ष दल के बैनर तलेे लगातार धरना दे रहे हे इस दौरान धरना में बड़ी में आश्रित शामिल हे सरकार से अनुकंपा नियुक्ति की मांग करने वालो में अशगर खान (सयोजक) सचिन कुमार नामदेव, विकी गुर्जर, कीर्ति सैनी, राधा ठाकुर, मधु श्रीवास, नरेंद्र गोर, दुर्गेश ठाकुर, जुगल कुमार विश्वकर्मा, जय कुमार यादव, हेमराज यादव,देवेन्द सचिन दुबे, राजकुमार ,बबलू दुबे, दुर्गेश ठाकुर रोहित मालवी अमित सेन अरविंद ठाकुर विकी प्रजापति आदि ने की है|

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