नागदा/उज्जैन। सोशल रेस्पांसिबिलिटी के नाम पर कार्पोरेट घरानों द्वारा शुरू की गईं जनसेवाओं की हकीकत बयां कर रहा है यह मामला। grasim industries nagda ने टैक्स बचाने के लिए एम्बूलेंस तो शुरू कर दी लेकिन उसका मैंटेनेंस नहीं किया और इसी लापरवाही के चलते एक मरीज की मौत हो गई। पीड़ित परिवार कार्रवाई चाहता है परंतु पुलिस जांच के नाम पर grasim industries का बचाव कर रही है।
यह है मामला
खाचरौद निवासी ईश्वरलाल पिता रामचंद्र संगीतला को सोमवार सुबह सांस लेने में तकलीफ होने पर ग्रेसिम उद्योग द्वारा संचालित जनसेवा अस्पताल में भर्ती किया गया था। स्वास्थ्य बिगड़ने पर उसे आईसीयू में शिफ्ट किया। परिजन के मुताबिक हालत में सुधार न होने पर उज्जैन रेफर कर दिया गया।
एंबुलेंस में ऑक्सीजन लगाकर ले जाने के दौरान उज्जैन रोड स्थित चौपाल सागर तक पहुंचने पर मरीज को सांस लेने में तकलीफ हुई। ड्राइवर ने मरीज को संभाला तो सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म हो गई थी। दूसरा सिलेंडर लगाने के बाद पंप लगाने का प्रयास किया तो पंप ही टूट गया। इसी बीच मरीज दम तोड़ चुका था।
परिजन का आरोप है कि ड्राइवर परिजन सहित शव को वापस जनसेवा अस्पताल तो लाया और फिर वहां से भाग निकला। इसके बाद परिजन अस्पताल परिसर में शव रखकर जमकर हंगामा मचाया। इसी बीच बिरलाग्राम थाना प्रभारी रामगोपाल दीक्षित वहां पहुंंचे और मामले जानकारी जुटाई। मृतक के परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दोषी पर कार्रवाई के लिए आवेदन भी दिया।
क्या होती है सोशल रेस्पांसिबिलिटी
भारत सरकार ने यह प्रावधान किया है कि यदि करोड़पति व्यापारी समाजसेवा करते हैं जो वो जितना पैसा समाजसेवा पर खर्च करेंगे उतने पैसे की टैक्स में छूट दी जाएगी। देशभर के तमाम कार्पोरेट घराने इस प्रावधान का फायदा उठा रहे हैं। इससे एक तरफ लोकप्रियता मिलती है तो दूसरी तरफ टैक्स की बचत भी हो जाती है। अर्थात हींग लगे ना फिटकरी और रंग चोखा। यदि वो समाजसेवा नहीं करेंगे तो टैक्स भरना होगा। अत: वो समाज पर एहसान नहीं करते, जबकि एहसान जताते जरूर हैं।
क्या होनी चाहिए कार्रवाई
इस मामले में grasim industries के डायरेक्टर्स के खिलाफ सीधी कार्रवाई होनी चाहिए। नियम यही है, लेकिन सामान्यत: इसकी जानकारी ना होने एवं करोड़पतियों के पॉवरफुल होने के कारण ड्रायवरों या निचले स्तर के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है ताकि न्यायालयीन कार्रवाई में सबको बचाया जा सके।
पुलिस क्या कर रही है
यदि किसी गरीब की लापरवाही से grasim industries के डायरेक्टर की मौत हो जाती तो तत्काल गिरफ्तारी भी हो जाती, लेकिन इस मामले में मौत एक गरीब की हुई है और आरोपी grasim industries का डायरेक्टर है अत: पुलिस जांच कर रही है। रामगोपाल दीक्षित, टीआई बिरलाग्राम इस मामले को संवेदनशील बता रहे हैं परंतु अभी तक एफआईआर नहीं की है। कहते हैं जांच करेंगे।