शिक्षक और शिक्षा के अस्तित्व को बचाये

अरविन्द रावल | देश में जब से सर्व शिक्षा अभियान लागू हुआ हे और शिक्षा  में राजनीति का प्रवेश हुआ हे तभी से इस देश की शासकीय शिक्षा और शिक्षको के सम्मान को चोपट करने का खुला खेल उच्च सरकारी ओहदों पर बैठे अधिकारियो और शिक्षा माफियाओ द्वारा खेला जा रहा हे ! देश की शिक्षा का  संचालन करने वालो ने शिक्षा को बाजारू बनाकर आज शिक्षा को ही पैसे कमाने  का सबसे मुनाफे वाला धंधा बना दिया हे ! शिक्षा को मुनाफे का धंधा बनाने वालो ने देश की समूची शिक्षा व्यवस्था को ही खोखला कर दिया हे !  

जब से शिक्षा में राजनीति का प्रवेश हुआ हे तब से ही देश  के शिक्षको की महत्ता को शिक्षा आकाओ ने सरकारी नीतियों के द्वारा कम करने  का प्रयास किया हे जिसका परिणाम आज यह कि शिक्षक तो क्या अब प्राचार्यो तक को भी अपने सम्मान को बचाने के लाले पड़ गए हे ! शिक्षको के सम्मान को मिटाने वाले अब प्राचार्यो के सम्मान और अस्तित्व को  मिटाने पर तुले हे ! मेरी बात से आप सहमत शायद ही होगे लेकिन वर्तमान परिदृश्य में यह सो फीसदी सच नज़र आता कि जब से संकुल व्यवस्था लागु हुई हे तब से प्राचार्य जैसा गरिमामय पद भी चौकीदार  में तब्दील हो गया हे ! 

आज संकुल प्राचार्य प्राचार्य कम चौकीदार ज्यादा नज़र आते हे ! पुरे संकुल का जो भी अच्छा बुरा हो वह हर हाल में प्राचार्य को ही भोगना हे क्युकि वह प्राचार्य कम चौकीदार ज्यादा हे शासन की प्रशासन नज़रो में ! इस देश में जहा बच्चे के उड़ंदता करने पर भी शिक्षको को मोन रह कर देखने का शासकीय फरमान लागू वहा भला प्राचार्य की हैसियत भी कितनी होगी इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता हे कि एक अदना सा आदमी भी आज प्राचार्य को चमका कर अपना राजनीतिक रुतबा दिखा जाता हे ! शासन द्वारा शिक्षा व्यवस्था को दुरस्त करने के नाम पर प्राचार्यो से आहरण वितरण और अन्य अधिकार छिन्ना शिक्षा को दुरस्त करना नही हे बल्कि शिक्षा व्यवस्था के साथ साथ प्राचार्य की गरिमा और उसके अस्त्तिव को भी मिटाने का एक सुनियोजित षड्यंत्र हे - जिसका शिकार आज शिक्षक और शिक्षा हो रही हे !

शिक्षक और शिक्षा के सम्मान को बचाने लिए प्रदेश का हर इक अध्यापक सकल्पित हे ! मेरा प्रदेश के हर सवर्ग के शिक्षको से विशेषकर प्राचार्यो, व्यख्याताओ और सभी शिक्षक साथियो से निवेदन हे कि हम सभी मिलकर एकजुट होकर शिक्षक और शिक्षा के सम्मान को बचाने लिए सिर्फ तीन दिन का ही प्रदेश के हर सरकारी स्कूल में ताला बंदी भर कर दे तो सरकार को खुद आगे आकर शिक्षक और शिक्षा के सम्मान को लोटना होगा !  अन्यथा जब तक प्रदेश का हर सवर्ग का शिक्षक टुकड़ो में बटा रहेगा तब तक माफियाओ द्वारा यू ही शिक्षक और शिक्षा के सम्मान को मिटाया जायेगा !

अरविन्द रावल
51 गोपाल कॉलोनी झाबुआ, म.प्र.
मोबाईल न. 09425102421, 09669902421
Email -arvind.rawal69@gmail.com

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