भोपाल। क्या यह वही मध्यप्रदेश है जहां जनता की समस्याएं सुनने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कई रास्ते खोले थे। आज लोगों की समस्याओं को सीएम तक रोकने के उपक्रम किए जा रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारी लोगों की शिकायतों को फाइलों में छिपा रहे हैं, सीएम हेल्प लाइन में झूठे जवाब दिया जा रहे हैं और बार बार शिकायत दर्ज कराने के बाद भी निराकरण नहीं हो पा रहा है। फिलहाल मामला सहकारी बैंक के कर्मचारियों का है :-
माननीय मुख्यमंत्री महोदय तीन बार कृषि अवार्ड एवं बेस्ट मुख्यमंत्री का पुरस्कार ओर सबसे बडा कार्य बीमारु राज्य को विकासशील राज्य बनने मे आपके द्वारा अथक प्रयास किये गये इस नाते आपको शत-शत नमन ।
किन्तु आपके राज्य की तस्वीर का दूसरा रुप शायद आप इसे पसंद न करे किन्तु ये भी हकीकत है जरा इन पर भी ध्यान देगे तो हो सकता है मध्यप्रदेश की जनता के भी अच्छे दिन आ जाये।
जैसे:-जिला सहकारी भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों द्वारा समय समय पर ज्ञापनों एवं विभिन्न माध्यमों से अपनी समस्याओ से विगत 3वर्ष से लगातार अवगत करवाया जा रहा है।
हकीकत ये है कि : -
(1) प्रशासन आप तक इन कर्मचारियों को पहुँचने ही नही देता
(2) इन कर्मचारियों को 2माह से लेकर कही कहीं 20 माह तक वेतन नही मिला है।
(3) प्रशासन द्वारा आपको हकीकत से अनभिज्ञ रखा जा रहा है।
(4) भूमि विकास बैंक के कर्मचारियों की पीड़ा देखना है तो प्रदेश की गुना, राजगढ़ एवं लगभग सभी बैंक के किसी भी कर्मचारी से जानी जा सकती है।
आपके ओर हमारे मध्यप्रदेश मे ऐसी एक नही हजारों समस्याएँ मय प्रमाण के आपके समक्ष खडी है। आपका सपना खुशहाल मध्यप्रदेश का ऐसी समस्याओ की अनदेखी कर के कैसे पूरा होगा???
क्या इनहे ही अच्छे दिन कहते है ??????
जय हिंद जय मध्यप्रदेश
jayraj singh dewda santosh
