खरगोन। टीम राहुल के प्रमुख सिपाही और मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अरुण यादव के गृहजिले में ही कांग्रेस एकजुट नहीं रही। अरुण यादव की मनमानी के खिलाफ कांग्रेस में ना केवल बगावत हुई बल्कि बागी प्रत्याशी दमदारी के साथ जीती भी। जबकि अरुण यादव की अधिकृत प्रत्याशी छाया मोरे ना केवल बुरी तरह हारते हुए तीसरे स्थान पर सिमट गई बल्कि चुनाव परिणाम सामने आते ही चक्कर खाकर बेहोश भी हो गईं। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया है।
सुबह से तेजी से चले घटनाक्रम में कांग्रेस ने सभी निर्वाचित सदस्यों के बीच रायशुमारी कराई जिसमे कमला डावर के पक्ष में बहुमत होने बावजूद अरुण यादव ने अपनी हठधर्मिता निभाते हुए छाया मोरे को जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव लड़ने हेतु अधिकृत कर दिया। कांग्रेस से छाया मोरे के साथ-साथ कमला डावर ने भी नामांकन दाखिल कर दिया
कांग्रेसी कार्यकतार्ओं ने PCC अध्यक्ष के खिलाफ की नारेबाजी
कमला डावर की जगह छाया मोरे को उम्मीदवार घोषित करने की भनक लगते ही कांग्रेस में बगावत की शुरूआत हो गयी और, डावर समर्थक कार्यकतार्ओं ने अरुण यादव के खिलाफ नारे लगाना शुरू कर दिए, हालात इतने बिगड़े की कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की भी कार्यकतार्ओं ने नही सुनी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ नारेबाजी लगे। परिणाम घोषित होने तक डावर के समर्थन में जमकर नारे लगते रहै।
जिला अध्यक्ष ने बताया दोनों को कांग्रेसी प्रत्याशी
यादव की हठधर्मिता के चलते छाया मोरे को अधिकृत उम्मीदवार घोषित करते ही जिला अध्यक्ष श्रीमती झूमा सोलंकी एवं धूलकोट कांग्रेस विधायक विजय सोलंकी ने प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के फैसले को नकारते हुए बागी प्रत्याशी कमला पति केदार डावर के समर्थन में आगे आए। कार्यकतार्ओं की नाराजगी को देखते हुए जिला अध्यक्ष एवं विधायक झुमा सोलंकी कसरावाद विधायक सचिन यादव भगवानपुरा विधायक विजय सोलंकी तीनो आपस में चर्चा करते नजर आये, फिर जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया की कमला केदार डावर को भी पार्टी की और से लड़ाया गया है एक फॉर्म डमी बताते हुवे कांग्रेस की अंतर्कलह को छिपाने की कोशीश की जहा एक और जिला कांग्रेस अध्यक्षा झुमा सौलंकी ने कांग्रेस की आपसी लड़ाई को छिपाने की कोशिश करते हुए दिखाई दी \वही कांग्रेस की श्रीमती संगीता सिलदार भी पार्टी के फेसले से नाराज दिखी उन्हें जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने समझा कर वोट डालने के लिए अंदर भेजा।
पद त्यागे अरुण यादव
जिला पंचायत के पूरे घटनाक्रम पर चुटकी लेते हुवे भाजपा जिला अध्यक्ष रंजित डंडीर ने अरुण यादव की नेतृत्व हीनता पर सवाल उठाये। उन्होंने कहा की नैतिकता के आधार पर पीसीसी चीफ के पद को त्याग देने चाहिए।
पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद
निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिला पंचायत परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। परिसर में केवल मतदान के लिए चुने गए सदस्यों के साथ ही केवल साक्षी को ही पूरी तरह जांच-पड़ताल के बाद प्रवेश दिया गया, इस दौरान पुलिसकर्मियों ने कई लोगों ने प्रवेश के लिए नोकझोंक भी की, लेकिन पुलिस ने सख्ती के साथ उन्हें रोक दिया। इस दौरान एसपी अमित सिंह ने खुद कमान संभाली। मतदान के लिए नाम पुकार कर उन्हें प्रवेश दिया।
- झलकिया पुरे घटना क्रम की
- कार्यकतार्ओं ने करीब तीन घंटे जमकर नारेबाजी की। इस पुरे घटनाक्रम के दौरान जिलेभर से आए कार्यकतार्ओं ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश दीखते हुए इस बात को लेकर व्यक्त किया कि रायशुमारी में तय उम्मीदवार को ना लड़ा कर व्यक्तिगत पसंद को महत्व क्यों दिया गया।
- जिला पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए 20 सदस्य कांग्रेस के होने के बाद भी कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी छाया मोरे को मात्र 3 वोट मिले जबकि बागी कांग्रेस प्रत्याशी कमला केदार डाबर को 16 वोट मिले और अध्यक्ष पद पर सिरमौर हुई जबकि बीजेपी के 6 वोट बीजेपी के प्रत्याशी को मिले वाही एक वोट निरस्त हुआ े
- जित के जश्न के बाद भगवानपुरा विधायक को समर्थको ने कंधे पर बिठाया
- जनप्रतिनिधियों को अन्दर जाने नहीं दिया गया जिसका विरोध जनप्रतिनिधियों ने किया
- कांग्रेसी विधायको को गेट के अन्दर देख भाजपा जिला अध्यक्ष ने ली आपत्ति
- भाजपा के महामंत्री राजेंद्र राठोर भी पुरे समय सक्रिय नजर आये
- पुलिस अधीक्षक अमित सिह ने संभाला मौर्चा
- डावर की जित की घोषणा के पहले ही छाया मोरे का स्वस्थ बिगड़ा
- निर्वाचन स्थल से छाया मोरे को एम्बुलेंस द्वारा जिला चिक्त्सालय भेजा गया जहा उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया।