डस्टबिन बनी Duster: अब कचरा उठाएगी

उपदेश अवस्थी@नेशनल न्यूज रूम। आपको याद होगा राजस्थान में अलवर के राजा ने एक बार दुनिया की सबसे मंहगी कार रॉल्स रॉयस की कंपनी प्रबंधन से नाराज होकर एक साथ 6 कारें खरीदीं और उन्हें नगरपालिका को कचरा उठाने के लिए दान कर दिया। बाद में कंपनी को सार्वजनिक रूप में माफी मांगनी पड़ी। कुछ इसी प्रक्रिया को अपनाते हुए राजस्थान के ही कोटा जिले के एक व्यापारी ने अपनी डस्टर कार एक ग्राम पंचायत को कचरा उठाने के लिए दान कर दी और कार पर बड़े बड़े अक्षरों में लिखवा दिया कचरा पात्र।


दरअसल व्‍यवसायी राजेश पारेता अपनी डस्टर कार के इलेक्ट्रिक सिस्टम और एयर कंडीशनर के लिए कंपनी की ओर से दी जाने वाली सर्विस से बहुत परेशान थे। इस समस्या का हल न निकलता देख उन्होंने उसे कचरा उठाने के लिए दान में दे दिया।

पारेता ने कोटा के रामगंजमंडी के मोड़क स्टेशन गांव के ग्राम पंचायत ऑफिस में आयोजित समारोह के दौरान अपनी कार की चाबी सरपंच को सौंप दी। पारेता ने कार की चाबी सौंपते हुए कहा कि आज से यह गाड़ी आप लोगों की लेकिन मेरी एक शर्त है कि इसका इस्तेमाल सिर्फ कचरा उठाने के लिए किया जाएगा।

पारेता की यह बात सुनकर वहां मौजूद सभी लोगों का हैरान होना लाजमी था। बात फैलते ही उस कार को देखने वालों की लंबी लाइन लग गई। पारेता कार को दी जाने वाली सर्विस से किस हद तक परेशान थे इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे कार दान देने से पहले खुद ही गाड़ी पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'कचरा पात्र' लिखवाकर लाए थे।

पारेता ने बताया कि 2012 में उन्होंने यह कार खरीदी थी। शुरुआत से ही कार के इलेक्ट्रिक सिस्टम और एयर कंडीशन में परेशानी थी। काफी दिनों तक कार वर्कशॉप में रही लेकिन इसके बाद भी कंपनी वाले इसे सुधार नहीं सके इसलिए परेशान होकर मैंने इसे गांव का कचरा उठाने के लिए दान कर दिया।

अब पढ़िए अलवर के राजा की कहानी
The rolls royce car turned into the dustbin

दरअसल हुआ यूं कि एक बार वे लंदन गए हुए थे। सादा पोशाक में ही वे रॉल्स रॉयस के शोरूम चले गए और वहां पर उन्होंने कारों की कीमत और फीचर पूछे। शोरूम के सेल्समैन ने उन्हें गरीब भारतीय मानते हुए उनका अपमान कर दिया और शोरूम से निकाल दिया। घटना से अपमानित जयसिंह वापिस अपने होटल गए और कंपनी के शोरूम में फोन कर कहलवाया कि अलवर के महाराजा आपकी कार खरीदने के इच्छुक है। इसके बाद जयसिंह ने शोरूम में खड़ी सभी छह कारें खरीद ली और नकद भुगतान के साथ ही डिलिवरी चार्ज भी चुका दिया। इसके बाद अलवर में उन सभी कारों से सफाई कराना शुरू कर दिया। ये बात पूरी दुनिया में फैल गई। इसके चलते रॉल्स रॉयस की काफी थू-थू हुई और उसकी बिक्री घट गई। कंपनी ने महाराजा से माफी मांगी और छह नई कारें फ्री में देने की पेशकश की। इससे जयसिंह मान गए और उन्होंने रॉल्स रॉयस से सफाई कराना बंद कर दिया।

पढ़िए रॉल्स रॉयस के बारे में
रॉल्स रॉयस कार दुनिया की सबसे शाही और महंगी गाडियों में शुमार होती है। इन गाडियों को खरीदना हर किसी के बस की बात नहीं है। यहां तक कि सिर्फ पैसा होने भर से इन गाडियों को खरीदने की योग्यता नहीं मिलती बल्कि कंपनी की ओर से जांच की जाती है कि वह व्यक्ति इन गाडियों के काबिल है या नहीं और उस कार बेचने से कंपनी को तो नुकसान नहीं होगा। यहां तक कि कुछ सालों पहले बॉलीवुड अभिनेत्री मल्लिका शेरावत को कंपनी ने कार बेचने से मना कर दिया था। 


शायद राजेश पारेता भी चाहते हैं कि जिस तरह रॉल्स रॉयस ने अलवर के राजा से माफी मांगी थी, डस्टर कार की निर्माता कंपनी Renault भी उनसे माफी मांगे या क्षतिपूर्ति दे। देखना यह है कि अब Renault इस मामले में क्या कदम उठाती है। भोपाल समाचार ने इसकी सूचना Duster कार बनाने वाली कंपनी Renault तक पहुंचा दी है। देखते हैं Renault की क्या प्रतिक्रिया आती है। 

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