और खिसियाकर लौट गए कलेक्टर

भिंड। सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की लापरवाही कोई नई बात नहीं है परंतु मौत के मुंह में जा रहे मरीज का अटेंडर चाहता है कि डॉक्टरों संवेदनशीलता को समझे और तुरंत इलाज करे। डॉक्टरों जब ऐसा नहीं करते और अटेंडर्स को बे​तुके जवाब देते हैं तो अटेंडर्स बौखला ही जाते हैं। ऐसा ही एक मामला यहां भी हुआ, बात कलेक्टर तक पहुंची और कलेक्टर अस्पताल तक। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला। सिखयाकर कलेक्टर अस्पताल से लौट गए। करते भी क्या, डॉक्टरों को सस्पेंड करना उनके बस में नहीं था और अटेंडर ने डॉक्टर की पोल खोल डाली थी।

यह है पूरा मामलाः
ग्वालियर बिरला नगर चंदनपुरा निवासी गुड्डी तोमर पत्नी शिवचरण सिंह तोमर उम्र 36 साल 17वीं बटालियन के पास रिश्तेदारी में आई थी। शनिवार सुबह ग्वालियर जाने के लिए बस स्टैंड तक वे ऑटो में सवार हुई। साथ में बेटा अभिषेक तोमर उम्र 12 साल भी था। ऑटो इटावा रोड पर पलट गया, जिसस श्रीमती तोमर के सिर और हाथ-पैरों में गंभीर चोट आईं। बेटा अभिषेक भी घायल हुआ। पुलिस ने श्रीमती तोमर और अभिषेक को जिला हॉस्पिटल में इलाज के लिए भिजवा दिया।

कलेक्टर से कहा, आपकी रिस्पॉन्सबिलिटी
हॉस्पिटल में श्रीमती तोमर की ननद किरण चौहान भी आ गई। उन्होंने हॉस्पिटल प्रबंधन पर ट्रीटमेंट ठीक नहीं करने का आरोप लगाया। वे आरएमओ डॉ. जेपीएस कुशवाह के पास भी गई। उन्होंने डॉ. कुशवाह से कहा श्रीमती तोमर को रेफर कर दो, लेकिन डॉक्टर ने रेफर नहीं किया।तब श्रीमती चौहान ने कहीं से कलेक्टर का मोबाइल नंबर लिया और फोन किया। उन्होंने फोन पर कलेक्टर से कहा आपके जिले में क्या हो रहा है? आपकी रिस्पॉन्सबिलिटी है। फोन के बाद ही कलेक्टर हॉस्पिटल आए थे, लेकिन भड़ककर वापस लौट गए।

डॉक्टर बोले- कोई बांधे है, ले जाओ पेशेंटः
श्रीमती चौहान अपनी भाभी श्रीमती तोमर को स्ट्रेक्चर पर लेकर वार्ड से हॉस्पिटल कैंपस में आ गई। यहां आरएमओ डॉ. कुशवाह ने उन्हें रोका और कहा कि मरीज को कहां ले जा रही हैं। श्रीमती चौहान ने कहा कि इमरजेंसी में डॉ. आरएन राजौरिया से उन्होंने डिस्चार्ज टिकट बनाने के लिए कहा तो उन्होंने कह दिया कि कोई बांधे है क्या... ले जाओ पेशेंट। डॉ. कुशवाह ने कहा आप सही नहीं कह रहीं तो श्रीमती चौहान उन्हें ट्रॉमा सेंटर के इमरजेंसी रूम में लेकर गई और वहां स्टाफ से डॉ. राजौरिया के व्यवहार की तस्दीक कराई।

झूठ नहीं बोलें-3 घंटे से चक्कर काट रहीः
डॉ. कुशवाह ने कलेक्टर के सामने कहा ये मर्जी से पेशेंट ले जा रही हैं। श्रीमती चौहान ने कहा आप झूठ नहीं बोलें- मैं 3 घंटे से आपके ऑफिस में चक्कर काट रही हूं। श्रीमती चौहान ने कहा इलाज नहीं करेंगे तो मैं क्या करूंगी? डॉ. कुशवाह ने कहा आपके आरोप गलत हैं। मरीज के सिर में चोट है। इलाज में टेबलेट तो दे नहीं सकते। डॉ. कुशवाह ने इलाज के पर्चा दिखाते हुए कहा कि इलाज तो चालू है।

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