भोपाल। इस विषय में भाजपा जो भी तर्क देती, सभी उल्टे पड़ेंगे क्योंकि कुछ साल पहले यही भाजपा वाले कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगाते थे और कांग्रेसी भी कुछ ऐसी ही दलीलें दिया करते थे जैसी की इन दिनों भाजपाई दे रहे हैं। महिलाओं के नाम पर भाजपा नेताओं ने अपनी घरेलू बहू बेटियों को चुनाव लड़ा दिया। प्रभावशाली थे सो जीत भी गए। जो जीते हैं उनका कोई दमदार पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है लेकिन वो पॉलिटिकली स्ट्रांग भाजपा नेताओं के रिश्तेदार जरूर हैं :-
- ज्योति धुर्वे डिंडोरी विधायक ओमप्रकाश धुर्वे की पत्नी
- रेखा बिसेन बालाघाट मंत्री गौरीशंकर बिसेन की पत्नी
- अजय पाठक सिंगरोली पूर्व विधायक विश्वामित्र पाठक के पुत्र
- डा. रवीन्द्र सिंगरोली पूर्व मंत्री जगन्नाथ सिंह के पुत्र
- अजय मिश्रा रीवा विधायक नीलिमा मिश्रा के पति
- सुधा सिंह सतना सांसद गणेश सिंह के भाई की पत्नी
- कोमल सुदीप पटेल हरदा पूर्व मंत्री कमल पटेल की पुत्र वधू
- दिव्या सिंह सागर मंत्री भूपेन्द्र सिंह के भतीजे अशोक की पत्नी
- राजेश प्रजापति छतरपुर विधायक आरडी प्रजापति के पुत्र
- कविता पाटीदार इंदौर पूर्व मंत्री भेरूलाल पाटीदार की बेटी
- मनीषा भुजबल ग्वालियर ग्वा. के जिला भाजपा मंत्री भुजबल की पत्नी
- बाई साहेब यादव अशोकनगर पूर्व विधायक देशराज सिंह यादव की पत्नी
- अनीता किरार रायसेन निर्वतमान अध्यक्ष भंवरलाल पटेल की बहिन
- गायत्री गूजर राजगढ़ पूर्व विधायक बलराम गुजर की बहू
- अर्चना चौहान गुना वरिष्ठ भाजपा नेता दीपक चौहान की पत्नी