नि:शक्त भांजियों का रास नहीं आ रहा मामा का मंडप

इंदौर। शिवराज मामा ने भांजियों की शादी का बीड़ा उठाया लेकिन भांजियां को मामा का मंडप रास नहीं आ रहा है। निःशक्त लड़कियां सरकारी शादी में दिलचस्पी नहीं ले रही हैं। बीते तीन सालों में सिर्फ 15 निःशक्त लड़कियों की मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में शादी हुई है। जबकि नि:शक्त कन्याओं के कन्यादान के नाम पर लाखों रुपए तो होर्डिंग और अखबारों के विज्ञापनों पर कुछ इस तरह खर्च दिए गए मानो प्रदेश भर की नि:शक्त कन्याओं का कन्यादान हो रहा हो।

सरकारी अफसर इसकी जिम्मेदारी नेताओं पर तो नेता अफसरों पर ढोलते हैं। प्रदेश सरकार सामाजिक न्याय विभाग को निःशक्त लड़कियों की शादी के लिए 50 हजार रुपए देती है। इसके बाद भी गैर सरकारी और सामाजिक संगठनों के आयोजन में भाग लेने वाले जोड़ो की संख्या बढ़ती जा रही है।

If you have any question, do a Google search

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!