ग्वालियर। झांसी-ग्वालियर के बीच ट्रेनों में सक्रिय शातिर बदमाशों के आगे जीआरपी-आरपीएफ पूरी तरह से मजबूर नजर आ रही है। बदमाश हर दूसरे दिन ट्रेन में चोरी, लूट की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, लेकिन जीआरपी और आरपीएफ बदमाशों तक पहुंचना तो दूर वारदातों को भी नहीं रोक पा रही है। इसी चलते एक बार फिर से दो ट्रेनों के करीब आधा दर्जन यात्रियों को बदमाशों ने निशाना बनाकर उनका सामान पार कर दिया।
वारदात हो जाने के बाद आरपीएफ ने कार्रवाई का ड्रामा किया लेकिन गुस्साए यात्रियों ने ट्रेन का दरवाजा तक नहीं खोला।
एमपी संपर्क क्रांति के स्लीपर कोच एस-4 में एसके तिवारी सफर कर रहे थे। वह जबलपुर से दिल्ली जा रहे थे। ट्रेन जब झांसी से निकलकर ग्वालियर की ओर आ रही थी तो अचानक श्री तिवारी की आंख खुली। उन्होंने पानी की बोतल निकालने के लिए बैग देखा, लेकिन बैग गायब था। जब बैग नहीं मिला तो उन्होंने शोर मचा दिया। शोर सुनकर कोच में सवार अन्य यात्री भी जाग गए।
पांच अन्य यात्रियों का भी सामान गायब था। इसके बाद तो यात्रियों ने तत्काल ट्रेन स्टाफ को सूचना दी। सूचना मिलने पर ट्रेन स्टाफ यात्रियों के पास पहुंचा। ट्रेन स्टाफ ने ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर घटना की जानकारी दी। इस बीच किसी ने यात्रियों को बताया कि यहां की आरपीएफ भी लुटेरों से मिली हुई है और जिम्मेदार अधिकारियों के पास लूट का हिस्सा जाता है। वो कोई मदद नहीं करेंगे। उल्टा परेशान जरूर करेंगे। इससे नाराज यात्रियों ने कोच का दरवाजा बंद था तो उन्होंने गेट खटखटाए, लेकिन यात्रियों ने गेट नहीं खोले।
किसी तरह से गेट खुला तो आरपीएफ ने यात्रियों से बात की। यात्री बुरी तरह से गुस्साए हुए थे। यात्रियों ने ग्वालियर स्टेशन पर उतरने से मना कर दिया। अपनी इस नाकामी पर शर्माने के बजाए पुलिसकर्मी मुस्कुराए और ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई। आप मजेदार बात देखिए कि गेट न खुलने के कारण तीन से चार बार चेन पुलिंग कर ट्रेन रोकी गई जबकि पुलिस पास वाली बोगी के दरवाजे से चढ़कर एस 4 में पहुंच सकते थे।
