यहां किसान बर्बाद हो गया, नेताजी को सदस्यता के रिकार्ड की चिंता

उपदेश अवस्थी@लावारिस शहर। भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेष अध्यक्ष श्री अमरदीप मौर्य अपने आप में वनपीस हैं। देशभक्ति से भरे भाषण और प्रेसनोट जारी करने में हमेशा अचूक रहने वाले मौर्य पीड़ितों की मदद में हमेशा चूक जाते हैं। आज जबकि पूरा का पूरा मध्यप्रदेश शोकमग्न है। 80 प्रतिशत फसलें बर्बाद हो गईं, किसान दाने दाने को मोहताज हो गया, तब अमरदीप मौर्य सीना तानकर घोषणा कर रहे हैं कि 'युवा मोर्चा सदस्यता महाअभियान में कीर्तिमान स्थापित करेगा।'

भाजपा के मीडिया सेंटर से जारी बयान में मौर्य ने गर्व के साथ बताया है कि प्रदेश भर के तमाम उन तमाम शैक्षणिक संस्थाओं पर एक प्रकार का कब्जा हो गया है जहां 18 वर्ष से अधिक आयु के स्टूडेंट्स मिलते हैं। नई योजना में उन्होंने बताया है कि अब शिक्षा संकुलों को चिन्हित कर लिया गया है।
अब कोई बताए इन्हें कि शिक्षा संकुलों के अंतर्गत कॉलेज नहीं बल्कि स्कूल संचालित होते हैं। शासकीय स्कूल जहां नाबालिग बच्चे पढ़ते हैं। क्या सरकारी स्कूलों के नाबालिग बच्चों को भी सदस्य बनाएंगे।

महोदय का डाटाबैंक पढ़िए
महाअभियान के लिए 7500 शैक्षणिक परिसर, छात्रावास, शिक्षा संकुलों को चिन्हित कर लिया गया है। 56 संगठनात्मक जिलों में 756 मंडलों तक अभियान केन्द्रित रहेगा। भोपाल में महाअभियान का शुभारंभ एक्सीलेंस कालेज (भोपाल) में 16 मार्च को होगा। मोर्चा अपने लक्ष्य 25 लाख सदस्यता के निकट पहुँच रहा है। अब तक 20 लाख 72 हजार सदस्य बनायें जा चुके है और 31 मार्च तक 25 लाख सदस्य बनानें का लक्ष्य पूर्ण कर लिया जायेगा।

नेताजी ने संभागवार रिपोर्ट भी पेश की
सदस्यता महाअभियान में संभाग वार हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि चंबल संभाग में 65 हजार, ग्वालियर संभाग में 2 लाख 93 हजार, सागर संभाग में 2 लाख 4 हजार, रीवा संभाग में 2 लाख 3 हजार 3 सौ, शहडोल संभाग 1 लाख 74 हजार, जबलपुर संभाग 3 लाख 8 हजार 800, नर्मदापुरम संभाग 51 हजार, भोपाल संभाग 1 लाख 87 हजार, उज्जैन संभाग 2 लाख 60 हजार 100 और इंदौर संभाग में 3 लाख 26 हजार सदस्यता पंजीकृत की जा चुकी है।

किसानों के लिए क्या करेगा मोर्चा
इस संदर्भ में अमरदीप के पास कोई कार्ययोजना नहीं है। कितने किसान बर्बाद हुए, पता नहीं। कितने एकड़ फसलें तबाह हो गईं, पता नहीं। गांव गांव सर्वे में क्या मदद करेंगे, सोचा ही नहीं। बूथ लेवल तक नेटवर्क का दावा लेकिन किसानों का डाटा 00, उनसे कोई सरोकार ही नहीं। युवाओं के अगुआ बने फिरते हैं लेकिन युवा किसान आत्महत्या की कगार पर आ गया, इन्हें फिक्र ही नहीं। सीएम कृषि कर्मण अवार्ड ले आए, इन्होंने तालियां बजा दीं। बस हो गया किसानों के प्रति धर्म का पालन। किसान बर्बाद हो गया है, पूरी तरह से बर्बाद, खेतों में फसलें बिछी पड़ीं हैं। महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया, भविष्य का सपना ओलों की मार से टूट गया और जनाब सदस्यता अभियान में जुटे हैं। कुछ दिनों पहले नेताजी का 'नचनियों का नाच' देखते हुए एक फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। सवाल यह है कि यदि ऐसे नेताओं को बैकडोर एंट्री दी जाती रहेगी तो भाजपा का जमीन से जुड़ाव खत्म हो जाएगा। कांग्रेस का हो गया है। वहां भी ऐसा ही होता था।

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