देह व्यापार में करियर तलाश रहे हैं 45 फीसदी छात्र

लंदन। ब्रिटेन के स्वांसी विश्वविद्यालय द्वारा करवाए गए एक ताजा अध्ययन के अनुसार ब्रिटेन के 20 फीसदी से भी अधिक छात्र यौनकर्म अपनाने के बारे में सोच रहे हैं। जबकि 45 प्रतिशत छात्र इसी इंडस्ट्री में करियर बनाना चाहते हैं। उन्हें लगता है कि ये उनके लिए आसान है और वो इस जॉब के लिए बेहतर हैं।

समाचार पत्र 'एशियन लाइट' में प्रकाशित रिपोर्ट में अध्ययन के हवाले से कहा गया है कि वास्तव में उनमें से पांच फीसदी छात्र पहले ही यौनकर्म में संलिप्त रहे हैं और छात्राओं की अपेक्षा छात्रों का रुझान इस ओर ज्यादा है।

गौरतलब है कि यौनकर्म या के अंतर्गत स्ट्रीपिंग (नाचते हुए कपड़े उतारना), फोन पर उत्तेजक बातचीत, उत्तेजक नृत्य और यौनाचार शामिल हैं। इसमें एस्कॉर्ट के रूप में कार्य भी शामिल है। इसके अलावा बिना किसी के संपर्क में आए वेबकैम के जरिए एवं ग्लैमर मॉडलिंग के जरिए भी छात्र यौनकर्म से कमाई करने के इच्छुक हैं।

स्वांसी विश्वविद्यालय के आपराधिक न्याय एवं अपराध विज्ञान विभाग ने यह अध्ययन किया और इस अध्ययन के लिए बिग लॉटरी फंड ने आर्थिक मदद दी। ब्रिटेन के विभिन्न इलाके से तकरीबन 6,750 विद्यार्थियों ने इस ऑनलाइन सर्वेक्षण में हिस्सा लिया।

अध्ययन के अनुसार, विद्यार्थियों के यौनकर्म अपनाने या उसकी ओर उन्मुख होने का सबसे बड़ा कारण आर्थिक तंगी है, क्योंकि छात्रों को 9,000 पाउंड हर साल का शुल्क उठाने में परेशानी हो रही है। स्नातक तक की शिक्षा पूरी करने वाले अधिकांश विद्यार्थियों पर 50,000 पाउंड तक का कर्ज पाया गया।

अध्ययन में पाया गया कि जहां दो तिहाई विद्यार्थी लाइफस्टाइल को बेहतर करने के लिए यौनकर्म की ओर जाना चाहते हैं, वहीं 45 फीसदी के लगभग विद्यार्थी अपने कर्ज को चुकाने के लिए इस ओर जाने के बारे में विचार कर रहे हैं।

अध्ययन में हिस्सा लेने वाले 59 फीसदी विद्यार्थियों का मानना है कि वे इस कार्य में लुत्फ उठाएंगे, 54 फीसदी इसे लेकर जिज्ञासु हैं, 45 फीसदी छात्र देह कारोबार में काम करना चाहते हैं और 44 फीसदी छात्र यौन सुख की चाह में देह व्यापार अपनाना चाहते हैं। देह कारोबार में काम कर चुके विद्यार्थियों में आधे छात्रों ने छह महीने से भी कम समय के लिए इसे अपनाया या हफ्ते में पांच घंटे काम किया।

देह व्यापार में काम कर चुके विद्यार्थियों में से 76 फीसदी विद्यार्थियों ने काम करते हुए खुद को सुरक्षित महसूस किया, जबकि सीधे-सीधे देह व्यापार में लिप्त 49 फीसदी विद्यार्थी यौनाचार के दौरान मारपीट होने को लेकर संशकित रहे।

अध्ययन की को-लीडर ट्रेसी सगर के अनुसार, देह व्यापार में आम धारणा के विपरीत पुरुषों का अधिक लिप्त होना इस अध्ययन से मिला महत्वपूर्ण तथ्य है। ट्रेसी ने कहा कि देह व्यापार काफी व्यापक है, लेकिन लोगों की इसके प्रति एक गलत धारणा है कि इसमें अधिकांशत: महिलाएं ही संलिप्त हैं।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !