जबलपुर। वर्ष 2012 में उपयंत्री भर्ती के दौरान पद के दुरुपयोग के मामले में लोकायुक्त पुलिस ने वेटनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. गोविंद प्रसाद मिश्रा समेत तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। तीनों पर नियम विरुद्ध भर्ती करने और शासन के आदेशों को दरकिनार करने का आरोप है। लोकायुक्त पुलिस इसकी जांच कर रही थी। इस मामले में विश्वविद्यालय में नियुक्त रहे कुछ और लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं। इन पर भी कार्रवाई की जा सकती है।
- क्या है मामलाः
- वर्ष 2012 में शासन ने वेटनरी विश्वविद्यालय में 3 उपयंत्रियों की भर्ती का आदेश दिया था।
- आरोप है इस आदेश के बाद तत्कालीन कुलपति डॉ. गोविंद प्रसाद मिश्रा, अधीक्षण यंत्री एके सिंह और अकाउंट ऑफिसर एसएन श्रीवास्तव ने नियमों की अनदेखी करते हुए 7 लोगों को भर्ती कर लिया।
- इस पद के लिए जिन लोगों ने आवेदन किया था उन्हें जब पता चला तो इसका विरोध किया।
- विरोध तेज होने पर 3 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया।
- नौकरी से निकाले गए तीन लोगों ने हाईकोर्ट में विवि के खिलाफ याचिका दायर कर दी।
- अन्य आवेदकों ने लोकायुक्त में भर्ती अनियमितता की शिकायत की थी, जिसकी जांच चल रही है।
प्रतिक्रियाएं
हमारे पास मामले की शिकायत आई थी। जांच में पाया गया कि तत्कालीन कुलपति, अधीक्षण यंत्री और एकाउंट ऑफिसर ने मिलकर भर्ती प्रक्रिया को दूषित करते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। लिहाजा तीनों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया है।
प्रभात शुक्ला, इंस्पेक्टर, लोकायुक्त
मेरे कार्यकाल में इस तरह की शिकायत आई थी। कुछ लोगों ने कोर्ट में भी ये मामला पहुंचाया। फिलहाल सारे रिकॉर्ड विश्वविद्यालय के पास हैं। इस मामले से मेरा कोई लेना-देना नहीं है। फिर भी जांच में लोकायुक्त का पूरा सहयोग करेंगे।
डॉ. गोविंद प्रसाद मिश्र, पूर्व कुलपति, वेटनरी विश्वविद्यालय