25 लाख में बिके थे MPPSC 2012 के पर्चे

लोकेश सोलंकी, इंदौर। मप्र लोकसेवा आयोग द्वारा ली जाने वाली राज्यसेवा परीक्षा-2012 में ना केवल प्रारंभिक बल्कि मुख्य परीक्षा के पर्चे लीक हुए थे। दलालों के जरिए परीक्षा के पर्चे उम्मीदवारों को बेचे गए। मध्यप्रदेश, बिहार और झारखंड के दलाल इसमें शामिल थे। दोनों परीक्षाएं पास करवाने के लिए 25 लाख रुपयों में सौदा किया गया था।

एसटीएफ भोपाल कोर्ट में प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। एसटीएफ ने आयुर्वेद अधिकारी परीक्षा के पर्चे लीक होने की सूचना पर जांच शुरू की थी। जांच आगे बढ़ी तो राज्यसेवा परीक्षा के पर्चे बेचने की बात भी सामने आई। कोर्ट में प्रस्तुत एसटीएफ की रिपोर्ट में लिखा गया है कि उम्मीदवारों को परीक्षा से पहले इंदौर, बनारस और दिल्ली की होटलों में तैयारी करवाई गई।

पीएससी गैंग के संपर्क में आने वालों में दो छात्राओं के साथ उज्जैन के रेलवे गुड्स गार्ड और खिलचीपुर के पटवारी का नाम भी सामने आया है। अभ्यर्थी जांच के बिंदुओं के आधार पर पीएससी 2012 और 2013 दोनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं।

अलग-अलग शहरों में तैयारी
एसटीएफ के सामने बयान दर्ज करवाते हुए आरोपी झारखंड के राजीवप्रसाद यादव और शामगढ़ के इलियास कुरैशी ने स्वीकार किया कि उन्होंने बिहार के बिजेंद्र शाह, बबलू पांडे के साथ मिलकर पीएससी परीक्षा के 15 दिन पहले ही 25 लाख में पेपरों का सौदा कर लिया था। इंदौर की छात्राओं प्रशा भदौरिया और सपना जैन को पहले सरवटे बस स्टैंड के पास स्थित होटल उदय पैलेस में पेपर की तैयारी करवाई गई। वहां पुलिस का डर लगा तो इलाहबाद ले गए। आठ दिनों तक लगातार 15 से ज्यादा विद्यार्थियों को पेपर देकर तैयारियां करवाई गई।

कई पेपर लीक
गैंग से पेपर खरीदने वाले विद्यार्थियों में शामिल इंदौर के सुमित शिवहरे और शिवपुरी के अवधेश पाराशर ने एसटीएफ को दिए बयान में कहा कि पीएससी-प्री के एक महीने पहले ही इलियास ने पेपर की जुगाड़ की जानकारी दे दी थी। बनारस और इलाहबाद ले जाकर गैंग ने तैयारी करवाई। सुमित और अवधेश ने कहा कि गैंग के सदस्यों के पास समाजशास्त्र और लोक प्रशासन के पर्चे भी थे।

इन्होंने माना कि परीक्षा में वही पेपर आया जो गैंग ने बताया था, जबकि गैंग में शामिल विपिन शर्मा ने एसटीएफ के सामने प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा में सामान्य अध्ययन सी-सेट का पेपर लीक करने का बयान दे चुका है।

12 छात्र रिकॉर्ड पर
रिपोर्ट कोर्ट को सौंपने तक एसटीएफ इसमें 12 उम्मीदवारों के नाम दर्ज कर चुकी है। बाकी की पहचान की कोशिश हो रही है। नामजद 12 में से नौ ऐसे थे जिन्होंने पेपर खरीद कर तैयारी की। तीन उम्मीदवार गैंग के संपर्क में आए, लेकिन मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हुए। दो उम्मीदवारों ने एसटीएफ को बयान भी दिया कि उनसे गैंग ने संपर्क किया, लेकिन उन्होंने सौदा नहीं किया तो धमकाया गया। इन लोगों ने17-18 उम्मीदवारों को गैंग के साथ पेपर की तैयारी करते भी देखा।

2013 भी संदेह के घेरे में
एसटीएफ ने पेपर लीक होने के मुख्य सूत्र की तलाश के लिए पीएससी से पेपर छापने वाली प्रेस का नाम-पता पूछा था। जवाब में परीक्षा नियंत्रक डॉ.आरआर कान्हेरे ने पीएससी-प्री से एक महीने पहले ही एसटीएफ को प्रेस का नाम बताते हुए पत्र लिखा। साथ ही परीक्षा नियंत्रक ने यह भी लिखा कि अगली परीक्षा के पेपर छापने का काम भी इसी प्रेस को दिया गया है, जिसे अब तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है।

हालांकि परीक्षा के बाद इसके पर्चे में 30 से ज्यादा सवाल गलत निकले। कई सवाल एक ही गाइड से पूछे गए जो इलाहबाद और मेरठ के प्रकाशकों की थी। एसटीएफ भी अब तक पेपर लीक करने वाले मुख्य व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकी है। दिल्ली क्राइम ब्रांच भी एक गैंग को पकड़ चुकी है। साफ है कि पेपर लीक के तार कई गिरोहों से जुड़े हो सकते हैं और बड़ी संख्या में पर्चों की खरीद फरोख्त भी की गई।

कोर्ट के निर्देश का इंतजार
हम परीक्षा निरस्त करने या अगला चरण आयोजित करने दोनों स्थितियों के लिए तैयार हैं, लेकिन कोर्ट के निर्देश का इंतजार है। कोर्ट जो आदेश देगा हम पालन करेंगे।
मनोहर दुबे
सचिव, एमपी पीएससी

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