St. Norbert School ने छात्राओं को परीक्षा देने से रोका

जबलपुर। यहां स्थित सेंट नॉर्बर्ट स्कूल प्रबंधन ने करीब 12 छात्राओं को बोर्ड एग्जाम दिलाने से इंकार कर दिया है। एग्जाम के ठीक पहले उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया। छात्राओं ने कलेक्टर से मदद मांगी है। 

दरअसल, स्कूल ने एग्जाम के वक्त शार्ट अटेंडेंस बताकर करीब दो दर्जन छात्राओं को स्कूल से निकाल दिया है। इसको लेकर बुधवार के छात्राओं ने जमकर हंगामा किया। इधर स्कूल प्रबंधन ने कहा कि अटेंडेंस कम होने की वजह से छात्राओं को स्कूल से हटाया गया है।

65 फीसदी से कम अटेडेंस
स्कूल की प्राचार्य सिस्टर जोसफिन का कहना है कि मध्यमिक शिक्षा मंडल में एक विद्यार्थी की सालभर की उपस्थिति कम से कम 65 प्रतिशत होनी चाहिए। जिन छात्राओं की उपस्थिति नहीं थी। उन्हें स्कूल से हटाया गया है। माशिमं से छात्राएं अनापत्ति पत्र लेकर आएं तो उन्हें अनुमति दी जाएगी।

फीस ली, डायरी में भी नहीं लिखा
पीड़ित छात्रा वर्षा, श्रेया श्रीवास्तव, वंदना ठाकुर और अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल ने साल भर फीस ली। स्कूल डायरी में भी टीचर ने कभी कुछ नहीं लिखा। डायरी में मासिक हस्ताक्षर तक शिक्षकों के नहीं हैं। स्कूल में अटेडेंस पेंसिल से भरी गई है। ऐसे स्टूडेंट जिन्होंने स्कूल की डिमांड को पूरा किया उनकी अटेंडेंस कम होने के बावजूद एग्जाम में शामिल किया गया है। जबकि कुछ छात्राओं को स्कूल से निकाला जा रहा है।

प्रैक्टिकल क्यों लिया
12वीं मैथ्स की छात्रा ने कहा कि उनका प्रैक्टिकल भी बुधवार को लिया। बाद में स्कूल प्रबंधन ने उन्हें शार्ट अटेडेंस के नाम पर बाहर निकाल दिया। जब कारण पूछा तो नेतागिरी करने की धमकी दी। छात्राओं ने बताया कि स्कूल टीचर प्रैक्टिकल में नंबर कम करने की धमकी भी दे रही हैं।

DEO ने हाथ खड़े किए
जिला शिक्षा अधिकारी से जब फोन पर छात्राओं से जुड़ी शिकायत की तो उन्होंने इस मामले में कुछ भी करने में असमर्थता जाहिर की। उन्होंने कहा कि माशिमं में ही छात्राओं को जाकर शिकायत करनी चाहिए।

छात्राओं का फोन मेरे पास आया था। उन्होंने स्कूल पर परेशान करने की बात कही, लेकिन स्कूल का नाम ही नहीं बता पाईं। फिर भी इस मामले की पूरी जांच करवाऊंगा। छात्राओं के साथ अन्याय नहीं होगा।
एसएन रूपला, कलेक्टर

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