मप्र भर्ती घोटाले में महामहिम भी मुल्जिम !

भोपाल। यूं तो राज्यपाल एक संवैधानिक पद होता है और उसकी अपनी गरिमा होती है परंतु जब इस कुर्सी पर बैठा व्यक्ति और उसका बेटा ही अपने पद और गरिमा का ध्यान ना रखे तो लोग उंगलियां उठाएंगे ही। SIT ने हाईकोर्ट में रामनरेश यादव (जो कि मप्र के राज्यपाल हैं), को मप्र भर्ती घोटाले में आरोपी बनाने की सिफारिश की है। उनके चिरंजीव शैलेष भर्ती घोटाले के सूत्रसंचालकों की सूची में शामिल किए गए हैं।

यह अनुशंसा व्यापमं फर्जीवाड़े के मामले में गठित SIT ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एएम खानविलकर को बीते सप्ताह भेजी रिपोर्ट में की है। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट चीफ जस्टिस को मिल चुकी है। वे इस मामले में 20 फरवरी को निर्देश दे सकते हैं। एसआईटी ने पहली बार किसी को आरोपी बनाने के लिए अनुशंसा की है।

इसलिए की अनुशंसा
शैलेष का नाम 9 फरवरी को संविदा शाला शिक्षक भर्ती परीक्षा फर्जीवाड़े में एसटीएफ द्वारा सीजेएम कोर्ट भोपाल में पेश किए चालान में आया था। आरोपी दलाल वीरपाल ने बताया था कि उसने शैलेष को दस उम्मीदवारों के नाम की सूची और तीन लाख रु. राजभवन जाकर दिए थे। एसआईटी का मानना है कि राज्यपाल को पूरे मामले की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कार्रवाई नहीं की, जो अपराध की श्रेणी में आता है।

एसआईटी ने...यह दिए थे बयान
आरोपी दलाल वीरपाल यादव ने बताया था कि उसके दोस्त विजयपाल और राज्यपाल के बेटे शैलेष यादव के अच्छे संबंध थे। उसने विजयपाल के जरिए दस उम्मीदवारों की सूची और तीन लाख रुपए शैलेष को राजभवन पहुंचाए थे। सभी उम्मीदवार परीक्षा में पास तो हो गए थे, लेकिन बीएड और डीएड नहीं होने से उनका चयन नहीं
हो सका था। विजयपाल ने भी अपने बयान में वीरपाल के बयानों की पुष्टि की थी।

STF ने शैलेष को भेजा है नोटिस
चालान में शैलेष यादव का नाम होने की खबरें मीडिया में आने के बाद एसटीएफ भी हरकत में आई है। एसटीएफ ने शैलेष यादव को राजभवन के पते पर नोटिस भेजा था लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने इसे लेने से इनकार कर दिया। बाद में इसे डाक के माध्यम से राजभवन के कंट्रोलर के जरिए इसे तामील कराया है।

हाई कोर्ट ने गठित की है SIT
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह समेत कुछ और लोगों ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस आलोक आराध्ये ने इस मांग को खारिज करते हुए पिछले साल नवंबर में एसआईटी का गठन किया है। तीन सदस्यीय एसआईटी का मुखिया हाई कोर्ट से सेवानिवृत्त जस्टिस चंद्रेश भूषण को बनाया गया है। हाई कोर्ट इस मामले की निगरानी करेगा। साथ ही एसआईटी बंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट हाई कोर्ट को सौंपेंगी।

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