पराई स्त्री से प्रेम पत्नि पर अत्याचार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि पति अगर किसी गैर महिला से संबंध रखता हो तो हर मामले में इसे क्रूरता नहीं माना जा सकता। और न ही इसे पत्‍नी को सुसाइड के लिए मजबूर करने की वजह माना जा सकता है। एक महिला की सुसाइड के मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई अपील पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह व्‍यवस्‍था दी।

सुप्रीम कोर्ट ने ये कहा
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसजे. मुखोपाध्याय और दीपक मिश्रा की बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में दहेज की मांग नहीं की गई थी। अगर आरोपी के किसी अन्य महिला से संबंध थे और इसी कारण से उसकी पत्नी परेशान थी तो इसे पति की क्रूरता नहीं कहा जा सकता। बेंच ने एक ही घर में पति और पत्नी के अलग रहने की दलील पर कहा कि आरोपी की पत्नी मानसिक रूप से परेशान थी, इससे इनकार नहीं किया जा सकता लेकिन यह पति की इतनी बड़ी क्रूरता नहीं कही जा सकती कि पत्नी सुसाइड कर ले।

बेंच ने कहा कि शादीशुदा होने के बावजूद गैर महिला या पुरुष से संबंध रखना गैरकानूनी और अनैतिक है, लेकिन यह मामला अलग है। बेंच ने माना कि आरोप लगाने वाला पक्ष ऐसे सबूत नहीं दे पाया जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि आरोपी के अवैध संबंधों के कारण ही महिला ने सुसाइड की। पर्याप्त सबूतों के अभाव में कोर्ट ने सुसाइड के लिए मजबूर करने के आरोप से आरोपी को बरी कर दिया।

क्‍या था मामला
गुजरात की एक महिला और उसके पति के बीच तनावपूर्ण संबंध थे और इसी कारण दोनों ने तलाक के लिए अर्जी लगाई थी। महिला ने अपनी बहन को बताया था कि उसकी शादी टूट रही है और वह पति का घर छोड़ रही है। बाद में उसने जहर खाकर जान दे दी थी। उसके परिवारवालों ने पति पर आरोप लगाया कि उसके किसी अन्य महिला से संबंध हैं। इससे तंग आकर उसकी पत्‍नी ने जान दी। महिला के परिवार के आरोपों पर ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने पति को दोषी करार दिया था। इसके बाद पति ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जहां उसे आरोप से बरी कर दिया गया।

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