जोधपुर। स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से मरी विदेशी महिला का शव करीब एक सप्ताह बाद भी अपने देश नहीं भेजा जा सका है। बीमारी के खौफ से उसका शव लेने कोई नहीं आया। उसका शव अभी मथुरादास माथुर अस्पताल की मोर्चरी में पड़ा है।
स्विट्जरलैंड की सत्तर वर्षीय एना मैरी जैसलमेर घूमने आई थी। वहां पर उसकी तबीयत खराब होने पर उसे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां पर उसकी बारह फरवरी को मौत हो गई। पुलिस ने दिल्ली स्थित स्विट्जरलैंड के दूतावास के साथ ही एना की पुत्री को भी सूचित कर दिया।
उसकी पुत्री ने पहले यहां आने का कहा लेकिन उसने बाद में यहां आने से इनकार कर दिया। उसका कहना था कि दूतावास के कर्मचारी मां का शव स्विट्जरलैंड भेज देंगे। दूतावास ने एक महिला कर्मचारी को इस कार्य के लिए नियुक्त कर उसे जोधपुर जाकर शव रवाना कराने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा लेकिन उस महिला ने स्वाइन फ्लू के डर से यहां आने से साफ इनकार कर दिया।
इसके बाद पुलिस ने एक बार फिर नए सिरे से प्रयास किए। जोधपुर पुलिस कमिश्नर अशोक राठौड़ ने व्यक्तिगत प्रयास कर दूतावास को पत्र लिखा लेकिन वहां से नकारात्मक जवाब ही मिला। इस बार स्वाइन फ्लू के डर से दूतावास ने उसका शव स्विट्जरलैंड ले जाने में असमर्थता जता दी। अब पुलिस एक बार फिर एना की पुत्री से सम्पर्क साधने का प्रयास कर रही है ताकि यह तय किया जा सके कि एना के शव का क्या किया जाए।
स्टाफ कर्मचारियों में भी खौफ
अस्पताल प्रशासन ने एना का शव खराब नहीं हो जाए इस कारण उस पर विशेष लेप करवा कर यहां को मोर्चरी में रखवा दिया है। मोर्चरी में उसका शव अस्पताल प्रशासन के लिए कई परेशानी खड़ी कर रहा है। एना का शव मोर्चरी में कई दिन से रखा होने के कारण उसके शव से अन्य लोगों में बीमारी पैलने की आशंका रहती है। इस कारण इन दिनों मोर्चरी में काम करने वाले कर्मचारी भी वहां जाने से कतरा रहे हैं। उनका कहना है कि कहीं वे भी स्वाइन फ्लू की चपेट में नहीं आ जाए।
