बेटे को फर्जी डॉक्टर बनाने प्रंसीपल ने 3 लाख उधार लिए

ग्वालियर। रिश्तेदारों से 3 लाख रूपये उधार लेकर अपने दामाद के माध्यम से बेटे को फर्जी डाॅक्टर बनवाने वाले रिटायर्ड प्रिंसीपल 3 हजार के इनामी मोहन लाल कुन्द्रा को एसआईटी ने गिरफ्तार कर लिया। दो साल पूर्व करैरा षिवपुरी स्कूल से रिटायर्ड प्रिंसीपल के बेटे अविनाष कुन्द्रा तथा दामाद धर्मेन्द्र छावड़िया को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। सीएसपी मुरार अखिलेष रैनवाल ने बताया कि कुछ समय पहले वर्ष 2009 बैच का संदेही छात्र अविनाष कुन्द्रा ने पूछताछ में बताया था कि पीएमटी में उसका सिलेक्षन उसके बहनोई व रैकिट एजेंट धर्मेन्द्र छावड़िया ने कराया है। रिटायर्ड प्रिंसीपल को इसी आधार पर गिरफ्तार किया गया है। पकड़े जाने पर मोहन लाल ने बताया कि उनका सपना था कि बेटे को डाॅक्टर बनाऊँ, पर पीएमटी में सिलेक्षन नहीं हो रहा था। तभी उनके दामाद धर्मेन्द्र छावड़िया ने 3 लाख में सिलेक्षन की बात बताई। उन्होंने उधार लेकर और अपनी जमा पूंजी लगाकर 2009 में पैसे देकर बेटे का पीएमटी में फर्जी ढंग से सिलेक्षन कराया।

एक घंटे में स्वाइन फ्लू जांच

ग्वालियर। डीआरडीई द्वारा विकसित स्वाइन फ्लू की चमत्कारी किट इस बीमारी के इलाज में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है, यह किट एक घंटे में ही बीमारी की पुष्टि कर देगी। इससे तत्काल इलाज शुरू होगा और मरीज के ठीक होने के चांष अपने आप बढ़ जायेंगे। एमएसएमई विकास संस्थान इंदौर के निर्देषक डीएस मडलोई ने मीडिया को बताया कि डीआरडीई इस तकनीक को सिविल क्षेत्र में ट्रांसफर करने को तैयार है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्दी ही यह किट बाजार में उपलब्ध हो सकती है। वर्तमान में जबलपुर के आरएमआरसीटी में स्वाइन फ्लू की जांच रिपोर्ट 8 घंटे में मिल रही हैं, यहां एक दिन में अधिकतम 86 सेम्पलों की जांच हो सकती है। ग्वालियर चंबल अंचल के स्वाइन फ्लू की सेम्पल जांच डीआरडीई ग्वालियर में होती है। जहां एक दिन में 6 केस मात्र लिये जाते हैं और रिपोर्ट एक दिन बाद मिलती है।

जलावर्धन योजना: फिर टूटी पाइप लाइन सैकड़ों गैलन पानी बहा

ग्वालियर। डबरा शहर के जलावर्धन योजना के तहत डाली गई पाइप लाइन को डबरा नगर पालिका द्वारा चैक करने पर पुराना गाड़ी अड्डा रोड़ पर तहसील रोड़ के सामने लाइन लीकेज पाई गई। लाइन लीकेज को दुरूस्त करने के लिये नगर पालिका की जेसीबी से खुदाई की गई। पाइप लाइन लीक होने से हजारों गैलन पानी फैलने से आने वाले लोगों का रास्ता बंद होने से परेषानी हुई। उक्त योजना शुरू से ही बिवादों में घिरी रही है। पूर्व में भी इसकी जांच में तत्कालीन एसडीएम ने कमियां पाते हुई सुधार के निर्देष दिये थे।

एक लाख बच्चों की नहीं बनीं आईडी

ग्वालियर। समग्र आईडी के तहत जिले में करीब 5 लाख 60 हजार बच्चों की आईडी बनाई गई, लेकिन जब मैपिंग की बारी आई तो 1 लाख आईडी मैप ही नहीं हुई, ऐसे में सवाल उठने लगा है कि आखिर यह बच्चे कहां गये। षिक्षा विभाग के आला अधिकारियों को जानकारी मिलने पर जिले के षिक्षा अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुये, रह गये बच्चों की आईडी जारी कर फिर से मैपिंग के निर्देष दिये हैं। षिक्षा विभाग ने अब आईडी बनाने का अधिकार बीआरसी को सौंप दिये हैं। एके दीक्षित, एपीसी जिला परियोजना समन्वयक ने बताया कि जिले में 1 लाख बच्चों की आईडी मैप नहीं हो रही थी, अब नये सिरे से आईडी बनाकर मैपिंग की जायेगी।

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