भोपाल। पीएमटी गड़बड़ी मामले में बर्खास्त मेडिकल छात्रों को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से राहत भले ही मिल गई हो, लेकिन उनकी परेशानियां कम नहीं हुई हैं। संचालक चिकित्सा शिक्षा (डीएमई) और कॉलेज डीन के बीच समन्वय की कमी के चलते इन छात्रों की बहाली नहीं हो सकी है।
इसके चलते गांधी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) समेत कुल 11 मेडिकल कॉलेजों के 200 से ज्यादा छात्र अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पा रहे हैं। परेशान छात्र अब डीएमई के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।
जीएमसी के एमबीबीएस फाइनल के छात्र आनंद जोनवार ने बताया कि हाईकोर्ट ने बीती एक दिसंबर को डीएमई डॉ. एसएस कुशवाह और कॉलेज डीन डॉ. बीपी दुबे को बर्खास्त किए गए 23 छात्रों की परीक्षा कराने के आदेश दिए थे, लेकिन उन्होंने बर्खास्तगी निरस्त नहीं की। ऐसे में बीयू द्वारा दिसंबर में कराई गई परीक्षा में छात्र शामिल नहीं हो सके।
ऐसे सभी छात्रों का शैक्षणिक सत्र डेढ़ साल पिछड़ गया है। इसी कारण सभी छात्र इंटर्नशिप भी नहीं कर पा रहे हैं।
मई में हुए थे बर्खास्त
व्यापमं परीक्षा नियंत्रक ने गड़बड़ी मामले की जांच कर आरोपी बनाए गए सभी छात्रों की पीएमटी निरस्त कर दी थी। साथ ही डीएमई को परीक्षा में नकल करने वाले छात्रों के प्रवेश निरस्त करने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद डीएमई ने सभी संबंधितों के प्रवेश निरस्त कराए थे।
बहाली अगले हफ्ते
पीएमटी गड़बड़ी मामले में बर्खास्त छात्रों की बहाली की कार्रवाई की जा रही है। अगले एक हफ्ते में बहाली हो जाएगी।'
डॉ. एसएस कुशवाह
संचालक चिकित्सा शिक्षा
आदेश नहीं मिला
बर्खास्त छात्रों की बहाली के संबंध में डीएमई ने कोई आदेश नहीं दिया है। छात्रों को डीएमई के निर्देश पर बर्खास्त किया था, इस कारण बहाली भी उन्हीं के आदेश पर होगी।''
डॉ. बीपी दुबे
डीन, गांधी मेडिकल कॉलेज