इंदौर। यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज (आईएमएस) की एमबीए एग्जीक्यूटिव की परीक्षा में बुधवार दोपहर सेंट्रल कोतवाली सीएसपी डॉ.नीरज चौरसिया नकल करते पकड़े गए। परीक्षा हॉल में ड्यूटी दे रहे पर्यवेक्षकों ने जब नकल का केस बनाने की बात की तो वे धौंस जमाते हुए बाहर निकल गए। उनके साथ ही परीक्षा में शामिल एक अन्य सीएसपी शशिकांत कनकने भी चले गए।
कर्मचारी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो कनकने ने धमकाते हुए कहा कि बाबू हो, बाबू जैसे ही रहो। नकल केस बनाए जाने की बात पर सीएसपी ने असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट एग्जाम डॉ. पीयूष केंदुरकर से भी बदतमीजी की। नकल केस के कागज पर साइन भी नहीं किया। सीएसपी का कहना है कि मुझे बार-बार डिस्टर्ब किया जा रहा था।
टेबल पर चिट रखकर नकल
प्रत्यक्षदर्शी कर्मचारी और छात्रों के अनुसार, एमबीए एग्जीक्यूटिव परीक्षा के मार्केटिंग मैनेजमेंट के पेपर में अधिकारी वायरलेस सेट लेकर बैठे थे। मैनेजमेंट ने ड्यूटी की नजाकत को समझते हुए उन्हें इसकी अनुमति तो दे दी थी, लेकिन थोड़ी देर बाद ही सीएसपी चौरसिया चिट टेबल पर रखकर नकल करने लगे। पुलिस अधिकारियों के रवैये से शिक्षक, कर्मचारी और छात्र गुस्से में आ गए।
उन्होंने इसकी शिकायत निदेशक प्रो. पीएन मिश्रा से की। मिश्रा ने दोनों अधिकारियों को डांटा, लेकिन वे अनसुना कर चले गए। प्रो. मिश्रा का कहना है कि वे कुलपति को इसकी जानकारी देंगे। इससे पहले भी आईजी और बड़े स्तर के अधिकारियों ने एमबीए किया, लेकिन उनका व्यवहार हमेशा छात्र जैसा रहा।
डिस्टर्ब कर रहा था कर्मचारी
नकल जैसी तो कोई बात नहीं है। कर्मचारी परीक्षा में बार-बार डिस्टर्ब कर रहा था। इस पर मैंने उसको समझाया था। इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ।
डॉ. नीरज चौरसिया
सीएसपी, सेंट्रल कोतवाली
हमने तो पूरा पेपर दिया
किसी ने नकल नहीं की। परीक्षा के दौरान कुछ भी नहीं हुआ। हमने पूरा पेपर दिया और आराम से बाहर आए। मैं तो शौक के लिए एमबीए कर रहा हूं।
शशिकांत कनकने
सीएसपी, जूनी इंदौर
निष्कासित करना पड़ा तो वो भी करेंगे
नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। सुपरिंटेंडेंट से जानकारी लेकर अभद्रता करने वाले छात्रों को कोर्स से निष्कासित करना पड़ा तो वो भी हम करेंगे।
प्रो. पीएन मिश्रा
निदेशक, आईएमएस
कागज पर साइन किए बिना चले गए
नकल करने की जानकारी मिली थी। मैं वहां गया भी, लेकिन सीएसपी कहते रहे कि ये मेरी पर्ची नहीं है। नियमानुसार उन्हें यूएफएम (अवांछित साधनों के प्रयोग पर प्रकरण बनने की स्थिति में) पर साइन करना थे, लेकिन उन्होंने साइन करने से मना कर दिया और चले गए। एक कर्मचारी के साथ अभद्रता भी की।
डॉ. पीयूष केंदुरकर
असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट एग्जाम