नयी दिल्ली। बाबा रामदेव की एक याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला दिया है जो विवादित बयान देने वाले तमाम नेताओं एवं अभिनेताओं के लिए काफी राहतकारी है। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एचएल दत्तू और जस्टिस एके सिकरी की खंडपीठ ने कहा कि अगर कोई बयान गलत है तो तो उन्हें सजा मिलनी चाहिए लेकिन इसी बात के लिए उन पर बीस अलग-अलग जगहों पर मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है.
कोर्ट ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब एक वकील ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से आहत व्यक्तियों को मामला दायर करने का अधिकार है और योग गुरु के खिलाफ मुकदमे पर रोक नहीं लगाई जा सकती. गौरतलब है कि राहुल गांधी के दलितों के घरों में जाने पर उनके विवादास्पद बयान 'हनीमून' को लेकर सर्वोच्च अदालत ने ये टिप्पणी की है.
सुप्रीमकोर्ट की खंडपीठ ने एक ही बयान पर दर्जनों केस दर्ज होने के संबंध में कहा कि हम सबकी परेशानी समझ सकते हैं. आपको अधिकार है लेकिन रामदेव के भी अधिकार हैं. इस बीच, अदालत ने कहा कि इससे जुड़े सभी मामलों को संबद्ध किया जाए. साथ ही उन्होंने बाबा रामदेव के वकील केशव मोहन से कहा कि सभी सुनवाई अदालतों में बाबा रामदेव के खिलाफ चल रहे केसों को एक जगह स्थानांतरित करने के लिए वह अलग से एक याचिका दायर करें.
सुप्रीम कोर्ट ने उन सभी राज्यों की पुलिस को नोटिस जारी किए थे, जिन्होंने रामदेव के खिलाफ मामले दर्ज किए थे. कोर्ट ने रामदेव की याचिका पर यह आदेश दिया था. रामदेव ने उनकी विवादास्पद टिप्पणी के लिए विभिन्न स्थानों पर दायर प्राथमिकियों को एक साथ जोड़ने और उनके खिलाफ किसी दमनात्मक कार्रवाई से पुलिस को रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.