भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शुक्रवार की कंपकंपाती रात में अचानक सीएम हाउस से बाहर निकले और जा पहुंचे सुल्तानिया अस्पताल। यहां कोई नेता, मंत्री या संघ का प्रचारक भर्ती नहीं था, बल्कि वो रैन बेसेरों में रात गुजार रहे गरीबों का हाल जानने पहुंचे थे। उन्होंने यात्रियों से मुलाकात की और वहां मिलने वाला खाना भी खाया।
भोजन करते हुए शिवराज ने कहा "खाना अच्छा है, लेकिन रोटी में नमक कम है और बैंगन की सब्जी में तेल थोड़ा ज्यादा है।' उन्होंने वहां की व्यवस्थाओं पर संतोष जताया लेकिन यह जरूर कहा कि सफाई को और बेहतर करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री रात नौ बजे से 11 बजे तक शहर में घूमे।
मुख्यमंत्री सबसे पहले न्यू मार्केट के रैन बसेरा पहुंचे। इसके बाद सुल्तानिया अस्पताल के पास के रैन बसेरा में पहुंचे। यहां उन्होंने लोगों से पूछा "ओढ़ने-बिछाने के लिए गद्दे और कंबल मिल रहे हैं, या नहीं।' "खाना कैसा मिलता है, कोई शिकायत तो नहीं है।' "अलाव जलता है कि नहीं।' इसके बाद मुख्यमंत्री का काफिला सीधे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर छह की ओर चला। यहां पहले अलाव के पास पहुंचे। पूछा, "क्या रोज ऐसे ही अलाव जलता है?' किसी ने हां कहा, तो किसी ने न।
छत पर मिली सीलन
बस स्टैंड के रैन बसेरे में जब सीएम पहुंचे तो उनकी नजर दीवारों की सीलन पर पड़ी। उन्होंने इसे दुरुस्त करवाने को कहा। इसके बाद उन्होंने रैन बसेरे के प्रबंधक जंग मोहम्मद से रजिस्टर मांगकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। देखा कि वहां रोजाना कितने लोग ठहरते हैं। पूछा "जिनके पास ठहरने के लिए पांच रुपए नहीं होते उन्हें क्या कहते हो?' जवाब मिला कि "कभी-कभी बिना पैसे के भी ठहरा लेते हैं।'