नई दिल्ली। उद्योग संगठन एसोचैम ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले बेनामी चंदे पर भी कर टैक्स लगाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए बजट पूर्व ज्ञापन में संगठन ने कहा है कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले बेनामी चंदे के कालाधन होने की आशंका ज्यादा है। चूंकि इस पैसे पर पहले टैक्स नहीं दिया गया है इसलिए इसे भी टैक्स के दायरे में लाया जाना चाहिए। उसने इस पर 30 प्रतिशत कर टैक्स का सुझाव दिया है।
गौरतलब है कि फिलहाल आयकर कानून की धारा 13ए के तहत राजनीतिक दलों को आयकर नहीं देना पड़ता है। ज्ञापन की प्रति मीडिया के साथ साझा करते हुए एसोचैम के राष्ट्रीय परिषद के अध्यक्ष (प्रत्यक्ष कर) वेद जैन ने कहा कि राजनीतिक दलों द्वारा आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी की स्थित में उनके खिलाफ जुर्माने का प्रावधान होना चाहिए। राजनीतिक दलों को धारा 139(4बी) के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है। लेकिन इसमें देरी करने के लिए फिलहाल कोई जुर्माना नहीं है जबकि चैरिटेबल ट्रस्टों और संस्थाओं को भी आयकर में छूट होने के बावजूद रिटर्न दाखिल करने में देरी करने पर उन पर जुर्माना लगाया जाता है।