निजी वाहनों पर टोल टैक्स माफ करने की तैयारी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार पेट्रोल, सीएनजी व एथनॉल मिश्रित पेट्रोल से चलने वाली कार, बाइक व स्कूटर जैसे छोटे निजी वाहनों और राज्य परिवहन निगमों की बसों से राजमार्गो पर टोल टैक्स की वसूली बंद कर सकती है। सरकार ने पाया है कि टोल टैक्स संग्रह में निजी वाहनों व बसों की हिस्सेदारी बहुत कम है, जबकि इनसे टोल प्लाजा पर अराजकता ज्यादा पैदा होती है।

इसलिए इन पर टोल टैक्स खत्म करने में ही भलाई है। इससे होने वाले मामूली नुकसान की भरपायी डीजल से चलने वाले बड़े निजी वाहनों से कॉमर्शियल दर पर टोल वसूल कर की जा सकती है। टोल संग्रह में निजी वाहनों व सरकारी परिवहन निगमों की बसों का योगदान मात्र 15 फीसद है, बाकी 87 फीसद टोल टैक्स ट्रक, ट्रेलर, निजी व टूरिस्ट बसों, विशाल आकार वाले वाणिज्यिक वाहनों से प्राप्त होता है।

अभी टोल संग्रह से सालाना तकरीबन 11,500 करोड़ रुपये की आय होती है। इसके अगले पांच सालों में 13,000 करोड़ से लेकर 20,000 करोड़ रुपये तक हो जाने की संभावना है। इसमें निजी वाहनों व बसों का योगदान केवल 1,700 करोड़ से 2,700 करोड़ रुपये होगा।

कॉमर्शियल बड़ें वाहनों से होगी भरपायी
निजी वाहनों पर टोल टैक्स खत्म करने से होने वाले नुकसान की भरपायी कॉमर्शियल वाहनों से हो जाएगी। इसके लिए कॉमर्शियल वाहनों की परिभाषा में डीजल चालित बड़े एसयूवी वाहनों को शामिल कर इनसे वाणिज्यिक दरों पर टोल वसूला जाएगा। इसके लिए निर्धारित से अधिक इंजन क्षमता को आधार बनाया जा सकता है। मसलन, 2500 सीसी से अधिक क्षमता वाले एसयूवी पर टोल की दर हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) के बराबर रखी जा सकती है।

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