ग्वालियर। व्यापारी विजय सिंघल व संजीव बंसल हत्याकांड का खुलासा हो गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह हत्याकांड टैरर टैक्स के लिए नहीं बल्कि व्यापारियों की आपसी रंजिश के चलते कराए गए थे। आरोपी व्यापारी अशोक गुप्ता ने इसके लिए यूपी से शार्पशूटर्स को बुलाया था, जिन्होंने हत्याकांड को अंजाम दिया।
![]() |
आरोपी व्यापारी अशोक गुप्ता एवं शार्पशूटर्स |
आरोपी आशोक गुप्ता पिछले कुछ वर्षों में हुए घाटे से बाहर निकलने के लिए मार्केट में फिर से सेटल होना चाहता था और यह दोनों व्यापारी उसके रास्ते में सबसे बड़ी परेशानी बन रहे थे। मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस ने 2 हजार मोबाइल की बातचीत सुनी तब जाकर एक संदेही मिला। यूपी में 12 दिन तक संदेही की रैकी की।
इसके बाद पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर बदमाशों तक पहुंची। हत्या की प्लानिंग से लेकर हत्या करने वाले 9 सदस्यों में से 8 को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और इनके पास से दो पिस्टल, एक रिवॉल्वर, एक कट्टा, छह मोबाइल, कुछ नंबर प्लेट बरामद की हैं।
शहर के प्रसिद्ध कंबल व पानी कारोबारी विजय सिंघल 26 दिसंबर की सुबह जनकगंज स्थित जटार साहब की गली में अपने घर के बाहर खड़े थे, तभी बाइक सवार तीन बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस घटना से कुछ महीने पहले 13 जुलाई की सुबह मोचीओली में घर से कुछ ही दूरी पर स्कूल ड्रेस व्यवसायी संजीव बंसल को भी ठीक इसी अंदाज में गोली मारी गई थीं।
दिल्ली में कुछ दिन इलाज के बाद उनकी मौत हो गई थी। इन दोनों ही मामलों से व्यापारियों में आक्रोश था। विजय सिंघल की हत्या के बाद व्यापारियों ने बाजार बंद कर प्रदर्शन भी किए। हत्यारों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने व्यक्तिगत या पारिवारिक रंजिश के एंगल से जांच शुरू की, पर कुछ नहीं मिला।
इसके बाद प्रॉपर्टी व व्यवसायिक एंगल पर पुलिस पहुंची तो कुछ अहम जानकारियां मिली। जिसके बाद पुलिस ने घटना वाले दिन और उससे पहले व बाद के कुछ दिन में उस इलाके की मोबाइल लोकेशन निकाली और उनको सर्विलांस पर डालकर सुना। करीब 2 हजार मोबाइल की छानबीन की।
साथ ही घोसीपुरा स्टेशन पर मिली बाइक जो मैनपुरी की थी। जब पुलिस ने यूपी के कुछ पॉकेट क्रिमनल का रिकॉर्ड खंगाला तो पहला संदेही एटा व फिरोजाबाद निवासी पप्पू उर्फ असलम सामने आया।
12 दिन पप्पू की रैकी की और खुलासा हो गया
पुलिस ने यूपी के एटा व फिरोजाबाद में रहकर 12 दिन पप्पू की रैकी की और पता किया वह किस-किससे मिलता है, कहां जाता है। साथ ही यह पता लगा कि वह 2003 में माधवगंज में मूर्ति चोरी में सजा काट चुका है। उसकी रैकी से एक और बदमाश दिनेश यादव उर्फ उस्ता सामने आया।
इसके बाद दिनेश से राहुल यादव, पंकज यादव, नरेन्द्र यादव, हिमांशु, हरेन्द्र भदौरिया पकड़े गए। पूछताछ में बदमाशों ने सुपारी पर दोनों व्यवसायियों की हत्या की बात कबूल की। हत्या कराने वाले का नाम आशोक गुप्ता बताया। अशोक, संजीव व विजय का प्रतियोगी व्यवसायी था। वह खुद मार्केट में सेटल होना चाहता था, इसलिए उसने दोनों व्यापारियों की हत्या करवा दी।
ऐसे की थी हत्या
स्कूल ड्रेस कारोबारी संजीव बंसल की हत्या से पहले पंकज यादव ने रैकी की थी। 13 जुलाई को राहुल व नरेन्द्र बाइक से आए थे। राहुल ने व्यापारी को गोली मारी थी।
विजय सिंघल की हत्या से पहले भी पंकज यादव ने ही रैकी की थी। बाइक पर सवार राहुल, हिमांशु व एक अन्य (अभी फरार है) आए थे। राहुल बाइक चला रहा था, हिमांशु व एक अन्य ने व्यापारी को गोलियां मारी थीं।