बेंगलुरु में ट्रांसपोर्ट विभाग के एक कर्मचारी को कामचोरी करते हुए गिरफ्तार किया गया है. अपनी तरह की संभवत: इस पहली गिरफ्तारी ने देश की इस सनातन समस्या को फिर से चर्चा में ला दिया है. पेश है कुछ सर्वे के रोचक नतीजे, जो दर्शाते हैं भारतीय कर्मचारियों की मानसिकता-
- रिसर्च फर्म एऑन हेविट का सर्वे
- हर 3 में से एक कर्मचारी अपनी मौजूदा नौकरी से नाखुश और उसे छोड़ना चाहता है.
- हर 5 में से एक कर्मचारी को लगता है कि उसे उसके काम के मुकाबले कम वेतन मिल रहा है.
- हर 5 में से 2 कर्मचारी कंपनी की ओर से मिल रही सुविधाओं से संतुष्ट नहीं है.
- भारतीय कर्मचारी अपने बॉस को किसी बात के लिए इनकार नहीं करते. यदि उनसे कहा जाता है कि यह प्रोजेक्ट इस हफ्ते खत्म हो जाएगा, तो अकसर जवाब 'हां' में ही होता है. लेकिन उस हां का मतलब ये नहीं कि काम हो ही जाएगा.
- अर्नेस्ट एंड यंग का सर्वे
- 52% प्रोफेशनल्स अपने काम को एंजॉय नहीं करते और उनकी नए चैलेंज लेने में भी रुचि नहीं है.
- 29% कर्मचारियों को लगता है कि ऑफिस में काम न करना एक अघोषित नियम है.
- 50% कर्मचारी दफ्तर में हुई गलती की जिम्मेदारी नहीं लेते.
- गैलप इंटरनेशनल का सर्वे
- 9% कर्मचारी ही वर्कप्लेस पर काम के प्रति अपना लगाव दर्शा पाते हैं.
- 31% कर्मचारियों की अपने काम के प्रति बेरुखी साफ देखी जा सकती है.
- बाकी 60% के बारे में पता ही नहीं चल पाता है कि वे काम करना चाहते हैं या नहीं.
